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दिल्ली में अक्टूबर में वर्षा ने 15 तो तापमान ने तोड़ा 53 साल का रिकार्ड, उतर प्रदेश में 23 लोगों की मौत

उत्तर भारत में बारिश का कहर जारी है। खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। दिल्ली में अक्टूबर में वर्षा ने 15 तो तापमान ने 53 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश में बाढ़ और बारिश से 23 लोगों की मौत हो गई है।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 09 Oct 2022 10:17 PM (IST)
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उत्तर भारत में बारिश का कहर जारी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। बेमौसमी बारिश ने पूरे उत्तर भारत में कहर सा ढा दिया है। कई दिनों से चल रही बारिश किसानों पर आफत बनकर बरसी है। खेतों में खड़ी धान और सब्जी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बारिश के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। कई जगह विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई है तो सड़क यातायात पर भी असर पड़ा है। बारिश के कारण हुए हादसे में सिर्फ उत्तर प्रदेश में 23 लोगों की मौत हो गई है। कई जिलों में स्कूल-कालेज बंद कर दिए गए हैं।

भारतीय मौसम विज्ञान के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में अक्टूबर में वर्षा का 15 साल का रिकार्ड टूट गया। शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे से रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 74.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो 2007 के बाद से इस अवधि में सर्वाधिक है। 

तापमान में रिकार्ड गिरावट

तापमान में भी रिकार्ड गिरावट दर्ज की गई है। न्यूनतम और अधिकतम तापमान का अंतर रविवार को 2.6 डिग्री रिकार्ड किया गया, जो अक्टूबर माह में 53 साल (1969 के बाद) में सबसे कम है। इससे पहले 1998 में 19 अक्टूबर के दिन यह अंतर 3.1 डिग्री रहा था। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि सोमवार को भी दिल्ली में बादल तो छाए रहेंगे, लेकिन वर्षा कुछ जगहों पर ही होगी वह भी हल्की।

उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में

अतिवर्षा और बाढ़ से उत्तर प्रदेश में बलरामपुर, श्रावस्ती, लखीमपुर, बहराइच, सीतापुर और गोंडा समेत कई जिलों में हालात त्रासद हो गए हैं। बलरामपुर में 400 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। यहां बाढ़ के कारण नेशनल हाईवे डूब गया है, जिससे आवागमन बंद हो गया है। बहराइच में 150 गांवों तो गोंडा जिले के 96 गांवों में बाढ़ ने तबाही मचाई है। प्रभावित क्षेत्र में आवागमन के लिए 30 नाव लगाई गई हैं।

23 लोगों की मौत

गोरखपुर में 58 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। आवागमन के लिए प्रशासन की ओर से 22 नाव लगाई गई है। बस्ती, देवरिया एवं आसपास सरयू भी तेजी से बढ़ रही है। बड़हलगंज में जलधारा के बीच नाव पलटने से दो लोग बह गए। वज्रपात सहित घर गिरने सहित अन्य दुर्घटनाओं में 23 लोगों की मौत हुई। अयोध्या जिले में किसान ओमनारायण शुक्ल (56) की पानी में डूबी धान की तैयार फसल देखने के बाद सदमा लगने से मौत हो गई।

किसानों के लिए आफत बनी बारिश

बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। उत्तर प्रदेश में खेतों में पकने को तैयार धान, बाजरा, मक्का की फसलें काफी प्रभावित हुई हैं। आलू, उड़द व सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। कानपुर मंडल में खेतों में पानी भरने से तिल, बाजरा सहित अन्य फसलें गिर गईं, जबकि सरसों व मक्के की कटी फसल को भी नुकसान पहुंचा है।

मध्य प्रदेश में गुरुवार से शनिवार तक हुई वर्षा के कारण खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा है। धान की फसल खेतों में ही बिछ गई है। यही स्थिति सोयाबीन और सब्जियों की भी है। मूंग, उड़द और मसूर की फसल की प्रभावित हुई है।

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता है वर्षा की वजह

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी मध्य प्रदेश एवं पूर्वी राजस्थान में हो रही इस बर्षा की वजह पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता है, जो निचले स्तर पर पूर्व दिशा से चल रही हवा के साथ मध्य और ऊपरी वायुमंडल में कम हवा के दबाव के कारण बना है। पूर्व से आ रही हवा नमी के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं, जो बारिश का कारण बनती हैं। यह गुजरात और पूर्वी राजस्थान में अरब सागर से उत्तराखंड तक दिल्ली क्षेत्र को पार करते हुए अपने पैर पसारती है।

राजस्थान में किसानों को मुआवजा मिलेगा

राजस्थान सरकार ने किसानों की मदद की घोषणा की है। सरकार ने बीमा कंपनियों को तत्काल फसल नुकसान का सर्वे शुरू करने का निर्देश दिया है। प्रभावित किसानों को 72 घंटे के भीतर फसल खराब होने की सूचना संबंधित जिले में कार्यरत बीमा कंपनी को देनी होगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 14 दिन के भीतर नुकसान का मुआवजा दिए जाने का प्रविधान हैं।

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