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'श्रीराम का जीवन शासन और सुशासन के लिए प्रेरणा का स्त्रोत', PM मोदी ने विकास परियोजनाओं को बताया राम राज्य के अनुरूप

महात्मा गांधी के रामराज्य और सच्चे लोकतंत्र में समानता के कथन का हवाला देते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि श्रीराम का जीवन शासन और समाज जीवन में सुशासन के लिए बड़ी प्रेरणा का स्त्रोत बन सकता है। उन्होंने रामराज्य के चार मूल स्तंभों का हवाला देते हुए अपनी सरकार के पिछले 10 सालों के कामों को इन्हीं स्तंभों के अनुरूप बताया।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 16 Jan 2024 10:32 PM (IST)
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श्रीराम का जीवन शासन और सुशासन के लिए प्रेरणा का स्त्रोत- मोदी (फोटो, एक्स)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महात्मा गांधी के रामराज्य और सच्चे लोकतंत्र में समानता के कथन का हवाला देते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि श्रीराम का जीवन शासन और समाज जीवन में सुशासन के लिए बड़ी प्रेरणा का स्त्रोत बन सकता है। उन्होंने रामराज्य के चार मूल स्तंभों का हवाला देते हुए अपनी सरकार के पिछले 10 सालों के कामों को इन्हीं स्तंभों के अनुरूप बताया।

प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के पालासमुद्रम में नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स, इनडारेक्ट टैक्सेस एंड नारकोटिक्स (नासिन) के नए भवन का उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए नौ सालों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकलने को ऐतिहासिक और अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पहले देश के लिए शुभ समाचार बताया।

राम राज्य सुशासन के चार स्तंभ- प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार राम राज्य सुशासन के चार स्तंभों, हर नागरिक सम्मान व बिना भय के सिर ऊंचा करके चल सके, हर नागरिक के साथ समान व्यवहार हो, हर कमजोर की सुरक्षा हो और धर्म यानी कर्तव्य सर्वोपरि हो, पर खड़ा था। उन्होंने अपने 10 साल के कार्यकाल में लिए गए फैसलों, विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को इन्हीं के अनुरूप बताया।

गरीब, किसान, महिला और युवा को सशक्त किया

तुलसीदास के दोहे में सरकार के माली, सूर्य और किसान जैसे गुण होने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कमजोर पौधों के संरक्षण देने और उन्हें विकसित होने का अवसर देने वाले माली की तरह उनकी सरकार ने भी पिछले 10 सालों में गरीब, किसान, महिला और युवा को सबसे ज्यादा सशक्त करने का काम किया है।

पीएम ने इन प्रयासों को भी राम राज्य के अनुरूप बताया

इसके साथ ही लाभार्थियों की सूची से 10 करोड़ फर्जी नामों को हटाकर और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के सहारे सूर्य की तरह कुशासन के अंधेरे को दूर किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी को लागू करने, टैक्स प्रणाली को सरल बनाने और विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा करने जैसे प्रयासों को भी राम राज्य के अनुरूप बताया।

टैक्स ऐसे लिया जाता था जैसे सूर्य धरती से जल खींचता है

उन्होंने राम चरित मानस के दोहे के हवाला देते हुए कहा कि राम राज्य में टैक्स ऐसे लिया जाता था जैसे सूर्य धरती से जल खींचता है, फिर बादल बनकर वर्षा के रूप में धरती पर आता और समृद्धि बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इसी से प्रेरणा लेते हुए टैक्स प्रणाली में बड़े बदलाव किये हैं। उनके अनुसार 2014 के बाद टैक्स पर दिए गए छूट से आम जनता को लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये टैक्स की बचत हुई है। इसके साथ ही जनता से लिए टैक्स की एक-एक पाई को विकास योजनाओं के माध्यम से पुन: जनता को समर्पित भी किया है।

यही सुशासन है, यही तो राम राज्य का संदेश है

उन्होंने कहा कि 'यही तो सुशासन है, यही तो राम राज्य का संदेश है।' उन्होंने राम और भरत के संवाद का हवाला देते हुए कहा कि कम लागत के साथ तेज गति से परियोजनाओं को पूरा करना भी राम राज्य के अनुरूप है। प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों से भी अपनी शक्तियों के विवेकपूर्ण प्रयोग की प्रेरणा श्रीराम के जीवन से लेने की सलाह दी। इसके लिए उन्होंने श्रीराम और लक्ष्मण के संवाद का हवाला दिया, जिसमें श्रीराम ने कहा था कि पूरी धरती को हासिल करना उनके लिए दुर्लभ नहीं है, लेकिन अधर्म के रास्ते पर चलकर इंद्रप्रस्थ का मिलना भी उन्हें स्वीकार नहीं है।

विकसित भारत के निर्माण में हर कर्मचारी की भूमिका अहम

इसके साथ ही उन्होंने लालकिले के प्राचीर से सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास में सबका प्रयास जोड़ने का असली मतलब भी बताया। उनके अनुसार यह श्रीराम द्वारा छोटे-बड़े सभी को साथ लेकर उनके सामूहिक प्रयास से रावण जैसे बलशाली को परास्त करने से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि इसी तरह से विकसित भारत के निर्माण में हर कर्मचारी, अधिकारी और नागरिक की भूमिका अहम है।

व्रत के दौरान श्रीराम से जुड़े पवित्र स्थान पहुंच रहे हैं मोदी

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के पहले विशेष व्रत और अनुष्ठान के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीराम के जीवन से जुड़े विशेष स्थानों ओर मंदिरों में पूजा अर्चना भी कर रहे हैं। नासिक स्थित पंचवटी के कालाराम मंदिर के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश लेपाक्षी में वीरभद्र मंदिर में पूजा की। पंचवटी में जहां श्रीराम ने अपने वनवास का अधिकांश का समय बिताया था, वहीं लेपाक्षी के पास श्रीम राम और जटायु का संवाद हुआ था।

रावण के साथ लड़ाई में घायल होकर जटायु यहीं गिरे थे और श्रीराम को उन्होंने सीताहरण की जानकारी दी थी। वीरभद्र मंदिर में पूजा-पाठ के साथ ही उन्होंने तेलगु में लिखे रंगनाथ रामानाथ रामायण का पाठ भी सुना।

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