डिजिटल रुपया कहां मिलेगा, कैसे काम करेगा, क्या हैं इसके फायदे, जानिए सब कुछ
डिजिटल रुपया लागू होने पर सरकार के इस खर्च में काफी कमी आएगी। डिजिटल रुपये से नकली करेंसी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। आने वाले दिनों में ये भारतीय इकोनॉमी के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता हैं।
नई दिल्ली। जागरण प्राइम। देश में डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डिजिटल रुपये की शुरूआत की है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह गेम चेंजर साबित हो सकता है। नकली करेंसी पर लगाम लगाने में ई रुपये की बड़ी भूमिका हो सकती है। सरकार का रुपये छापने का खर्च भी घटेगा। अर्थशास्त्री मनोरंजन शर्मा कहते हैं कि सरकार को रुपये छापने और उसके रखरखाव के लिए हर साल लगभग 6000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। डिजिटल रुपया लागू होने पर सरकार के इस खर्च में काफी कमी आएगी। डिजिटल रुपये से नकली करेंसी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। आज देश में रुपये को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने पर भी काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। डिजिटल रुपये से इन समस्याओं का समाधान मिल सकेगा।
आपके मन में कई सवाल होंगे कि डिजिटल रुपया कैसे काम करेगा, कहां मिलेगा। आपके सभी सवालों के जवाब हम यहां एक्सपर्ट्स की मदद से देने का प्रयास कर रहे हैं।
क्या है ई रुपया या डिजिटल रुपया
डिजिटल रुपया या ई-रुपया (e-Rupee) नोट और सिक्कों का डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप है। ई-रुपया के आने से अब आपको नोट या सिक्के रखने की जरूरत नहीं होगी। खरीदारी या किसी अन्य लेनदेन के लिए आप इस ई रुपये का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसमें फर्क सिर्फ इतना है कि यह लेनदेन आपको ऑनलाइन यानी डिजिटली करना होगा। डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है।
डिजिटल रुपया कहां मिलेगा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पायलट प्रोजेक्ट के 8 बैंकों के जरिए डिजिटल रुपया उपलब्ध कराने की बात कही है। पहले चरण में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में ये सुविधा शुरू होगी। दूसरे चरण में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला में डिजिटल रुपया मिल सकेगा।
कौन से बैंकों के जरिए मिलेगा डिजिटल रुपया
पहले चरण में चार बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में ये सुविधा उपलब्ध कराएंगे। वहीं दूसरे चरण में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के जरिए डिजिटल रुपया मिल सकेगा।
UPI पेमेंट और डिजिटल रुपये में अंतर
बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते है्र कि, UPI के जरिये आप जो पेमेंट करते हैं उसका ट्रांजेक्शन भले ही डिजिटल हो लेकिन बैंकों के बीच वह लेनदेन या सेटलमेंट कैश में ही होता है। उदाहरण के तौर पर आप किसी बैंक के ग्राहक हैं और आपने किसी दूसरे बैंक के ग्राहक को कोई पेमेंट यूपीआई के जरिए किया तो आपका बैंक उतना पैसा कैश के तौर पर उस दूसरे बैंक को भेजेगा। वहीं, डिजिटल रुपये में लेनदेन का तरीका इससे थोड़ा अलग है। इसमें आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल नोट के जरिये हम पेमेंट कर सकते हैं। ये ट्रांजेक्शन उसी तरह होगा जैसे आपने किसी व्यक्ति को कोई पेमेंट कैश में किया हो।
डिजिटल रुपया किस तरह मिल सकता है
फिलहाल आप भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के ऐप या वेबसाइट से डिजिटल रुपया खरीद सकते हैं। इसके लिए ग्राहकों के मोबाइल या किसी अन्य डिवाइस में बैंकों द्वारा एक डिजिटल वॉलेट उपलब्ध कराया जाएगा। ग्राहक अपने बैंक के वॉलेट में इस डिजिटल करेंसी को रख सकते हैं।
डिजिटल रुपये से किस तरह के लेनदेन हो सकेंगे
आप इस डिजिटल रुपये से व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति-से-व्यापारी (P2M) के बीच लेनदेन कर सकते हैं।
डिजिटल रुपये या ई रुपये से पेमेंट कैसे करेंगे
जब आप किसी दुकान पर कोई सामान खरीदने जाएंगे तो आपको दुकानदार या मर्चेंट की आरे से एक QR कोड दिया जाएगा। जिसे स्कैन करके आप अपने डिजिटल वॉलेट में जमा ई-रुपी से पेमेंट कर सकते हैं।
क्या डिजिटल रुपया वॉलेट में रखने पर ब्याज मिलेगा
आपके सेविंग अकाउंट में पैसे पड़े होने पर उस पर ब्याज मिलता है। लेकिन आपके वॉलेट में डिजिटल या ई रुपया पड़ा होने पर आपको उसका ब्याज नहीं मिलेगा। इसे बैंकों में जमा समेत रुपये के अन्य रूप में बदला जा सकता है। डिजिटल रुपये के उपयोग से भौतिक मुद्रा के प्रबंधन से संबंधित परिचालन लागत कम होने की भी उम्मीद है।
क्या डिजिटल रुपया सभी जगहों पर मान्य होगा
जिस तरह आरबीआई की ओर से जारी किया गया नोट हर जगह मान्य होता है वैसे ही ई-रुपया लीगल टेंडर होगा। ये पूरी तरह से भारतीय रिजर्व बैंक के नियंत्रण में होगा।
डिजिटल रुपया आम लोगों तक कैसे पहुंचाया जाएगा
आरबीआई के मुताबिक, ई-रुपया का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के जरिए ही होगा। बैंकों के डिजिटल वॉलेट के जरिए व्यक्ति-से-व्यक्ति या व्यक्ति-से-मर्चेंट के बीच लेनदेन किया जा सकता है।
नकली नोट रोकने में ये किस तरह मददगार होगा
आज अर्थव्यवस्था में चल रहे नोट में अक्सर नकली नोट सामने आते रहते हैं। सरकार के लिए ये बड़ी चुनौती है। डिजिटल रुपये को कोई अन्य देश या व्यक्ति छाप नहीं सकेगा। ये पूरी तरह से आरबीआई के नियंत्रण में होगा।
डिजिटल नोट से सरकार को क्या फायदा होगा
बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक, सरकार को आम लोगों की मांग को देखते हुए हर साल बड़ी संख्या में नए नोट छापने पड़ते हैं। इनकी लागत भी लगातार बढ़ रही है। एक साल में सरकार को सिर्फ नोट छापने और उसके प्रबंधन के लिए 5 हजार करोड़ रुपये खर्च करने होते हैं। सरकार को ये खर्च घटाने में मदद मिलेगी। अभी भारत में 100 रुपये का एक नोट प्रिंट करने में लगभग 10-18 रुपये खर्च आता है। वित्त वर्ष 2021-22 में RBI ने 4.19 लाख अतिरिक्त नोट छापे थे।
क्या डिजिटल रुपया ब्लैकमनी पर भी लगाम लगाएगा
डिजिटल रुपये के जरिए किया गया कोई भी ट्रांजेक्शन सरकार की नजर में होगा। कोई व्यक्ति डिजिटल रुपये के ट्रांजेक्शन को छुपा नहीं पाएगा। ऐसे में पारदर्शिता बढ़ेगी और काले धन पर रोक लगेगी।
डिजिटल रुपये के जरिए लेनदेन किस तरह आसान होगा
आज एनईएफटी या आरटीजीएस जैसे ट्रांजेक्शन करने पर पैसा एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में कुछ समय लगता है। लेकिन डिजिटल रुपये के जरिए पैसा भेजने पर जिसे पैसा मिलना है उसे तुरंत मिल जाएगा।
क्या डिजिटल रुपया भी क्रिप्टो करेंसी है
डिजिटल रुपया और क्रिप्टो करेंसी बिलकुल अलग हैं। क्रिप्टो करेंसी को कोई रेगुलेट नहीं करता है। वहीं दूसरी तरफ डिजिटल रुपया पूरी तरह से आरबीआई के नियंत्रण में है। आरबीआई इसको लेकर नियम बना रहा है। आरबीआई ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस करेंसी को लॉन्च किया है। क्रिप्टो की माइनिंग की जाती है जबकि डिजिटल रुपया आरबीआई ही जारी करेगा।
क्या BHIM UPI सेवा बंद हो जाएगी
नहीं फिलहाल ऐसा नहीं है। संभव है कि भीम यूपीआई सेवा और डिजिटल रुपये की सेवा समानांतर चलती रहे। ये संभव है कि आने वाले समय में सरकार इन दोनों सेवाओं को आपस में मिला दे।
क्या किसी और देश में डिजिटल करेंसी है
अर्थशास्त्री डीके जोशी कहते हैं कि, दुनिया के कई देश डिजिटल करेंसी लाने पर काम कर रहे हैं। चीन के कई शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डिजिटल करेंसी चलाई जा रही है। जी 20 के 16 देश डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं। रूस के के सेंट्रल बैंक ने 2021 दिसंबर में कहा कि वो डिजिटल करेंसी के प्रोटोटाइप पर काम कर रहा है।
पूरे देश में डिजिटल रुपया कब तक पहुंचेगा
फिलहाल आरबीआई ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ये सेवा चुनिंदा शहरों तक चुनिंदा बैंकों के जरिए पहुंचाई है। इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर चरणबद्ध तरीके से ये सेवा बाकी शहरों में पहुंचाई जाएगी।
डिजिटल रुपया सेवा का संचालन कौन करेगा
फिलहाल e-RUPI की सुविधा नेशनल पेमेंट कॉर्पोशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से दी जा रही है। NPCI ही ई रुपये के पेमेंट के लिए QR code भी जारी कर रहा है।
डिजिटल रुपये से दुकानदारों को क्या फायदा होगा
इस सुविधा से दुकानदारों को तुरंत उनका पैसा मिल जाएगा। उन्हें कैश ले जाकर बैंक में जमा नहीं करना होगा। ये पूरी तरह से सुरक्षित पेमेंट का माध्यम है।