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अदालत ने रिमांड खत्म होने पर SP सहित तीनों पुलिसकर्मियों को किया रिहा, वकील वरिंदर सिंह कर चुके समझौता

वकील वरिंदर सिंह संधू के साथ पुलिस हिरासत में अमानवीय अत्याचार के बाद उन्होंने समझौता कर लिया। इसके बाद अदालत ने एसपी सहित तीनों पुलिसकर्मियों की रिमांड खत्म होने पर रिहा कर दिया। वहीं बार एसोसिएशन ने पुलिस के साथ समझौता करने पर वकील वरिंदर सिंह पर नाराजगी जाहिर की है। इसके साथ ही उन्होंने वरिंदर सिंह की सदस्यता रद्द कर दी।

By Jagran NewsEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sat, 07 Oct 2023 08:14 PM (IST)
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अदालत ने रिमांड खत्म होने पर SP सहित तीनों पुलिसकर्मियों को किया रिहा (कॉन्सेप्ट इमेज)।

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। पुलिस हिरासत में अमानवीय अत्याचार के शिकार वकील वरिंदर सिंह संधू की ओर से पुलिस के साथ समझौते के बाद शनिवार को आरोपित पुलिस अधिकारियों की रिमांड खत्म हो गई। इसके बाद एसीजेएम की अदालत ने एसपी रमनदीप सिंह भुल्लर, सीआईए इंचार्ज इंस्पेक्टर रमन कुमार कंबोज और सीनियर कांस्टेबल हरबंस सिंह को पुलिस की कस्टडी से रिहा कर दिया है।

बता दें कि मुक्तसर पुलिस ने शनिवार को एसीजेएम की अदालत में एक अर्जी लगाई कि पुलिस रिमांड पर चल रहे एसपी भुल्लर, इंस्पेक्टर कंबोज और सीनियर कांस्टेबल हरबंस सिंह की दर्ज मामले में किसी भी जांच या गवाही वगैरह के लिए कोई जरूरत नहीं है। इसलिए इन्हें इस मामले में डिस्चार्ज किया जाए। जिसके बाद अदालत ने सरकारी वकील की दलीलों से सहमत होते हुए तीनों पुलिस मुलाजिमों को पुलिस कस्टडी से रिहा करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

रिमांड पर चल रहे तीन पुलिसकर्मी रिहा

सरकारी वकील संजीव कोछड़ ने बताया कि पुलिस की लगाई गई जांच रिपोर्ट के बाद अदालत ने तीनों पुलिस मुलाजिमों को रिहा करने के आदेश दिए हैं और मामले में शिकायतकर्ता वकील वरिंदर के बयान भी दर्ज किए हैं। बता दें कि वकील के साथ मारपीट के मामले में एसपी, इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिस मुलाजिम रिमांड पर चल रहे थे। जबकि छह पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज किया गया था। उक्त मामले की जांच स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम द्वारा की जा रही थी।

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वरिंदर सिंह से समझौते के बाद बार एसोसिएशन ने सदस्यता की रद्द

जानकारी के अनुसार, दो दिन पहले पीड़ित वकील वरिंदर सिंह संधू ने बार एसोसिएशन को पुलिस के साथ समझौता कर लेने का पत्र सौंपा था। इसके बाद बार एसोसिएशन में भारी रोष देखने को मिला। उन्होंने वरिंदर सिंह की बार एसोसिएशन से सदस्यता तुरंत प्रभाव से रद्द कर दी और बार काउंसिल चंडीगढ़ एंड हरियाणा में वकील वरिंदर सिंह का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की। पुलिस-वकील विवाद समझौते के बाद लगभग खत्म हो चुका है।

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