Fatehpur Sikri: दीवान-ए-खास के पिलर और तुर्की सुल्ताना के महल में लगा टफन ग्लास
रेलिंग के बीच में लगाया गया है टफन ग्लास। पर्यटकों के लिए यह पिलर आकर्षण का केंद्र रहता है। वो यहां फोटो लेने के साथ सेल्फी लिया करते थे और पिलर को छूकर देखते थे। इसके चलते उनकी हथेली में लगा पसीना या तेल पिलर में लग जाता था।
आगरा, जागरण संवाददाता। फतेहपुर सीकरी के दीवान-ए-खास स्थित पिलर को सैलानियों के स्पर्श से पहुंच रहे नुकसान से बचाने को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने पुख्ता इंतजाम किया है। पिलर के चारों ओर पहले लकड़ी की रेलिंग लगाकर पर्यटकों को उससे दूर कर दिया गया था। अब रेलिंग के बीच में टफन ग्लास लगा दिया गया है। इससे पर्यटक पिलर को छू नहीं सकेंगे और वो गंदा नहीं होगा।
फतेहपुर सीकरी के दीवान-ए-खास के मध्य में बना पिलर बहुत आकर्षक है। उस पर चारों ओर तोड़े लगे हुए हैं। पिलर के शीर्ष पर चारों दिशाओं से आ रहे पत्थर के छोटे पुल बने हुए हैं। पर्यटकों के लिए यह पिलर आकर्षण का केंद्र रहता है। वो यहां फोटो लेने के साथ सेल्फी लिया करते थे और पिलर को छूकर देखते थे। इसके चलते उनकी हथेली में लगा पसीना या तेल पिलर में लग जाता था। इससे रेड सैंड स्टोन के बने पिलर पर काले-काले धब्बे नजर आने लगे थे। पत्थर में अंदर तक पसीना या तेल पहुंचने से उसकी सफाई करना बहुत मुश्किल है। एएसआइ सफेद संगमरमर को तो मडपैक ट्रीटमेंट कर साफ कर लेता है, लेकिन रेड सैंड स्टोन के लिए उसे केमिकल ट्रीटमेंट करना पड़ता है, जो बार-बार नहीं किया जा सकता है। इसके चलते सैलानियों के स्पर्श से पिलर को पहुंच रहे नुकसान से बचाने को एएसआइ ने उसका पुख्ता समाधान ढूंढ़ा है। पिलर के चारों ओर करीब डेढ़ मीटर की दूरी पर लकड़ी की रेलिंग लगाकर उसके मध्य में टफन ग्लास लगा दिया गया है। रेलिंग की ऊंचाई अधिक होने से पर्यटक उसे फलांग नहीं सकेंगे और बीच में टफन ग्लास लगा होने से भी प्रवेश नहीं कर सकेंगे। इसी तरह तुर्की सुल्ताना के महल में सैलानियों की सुरक्षा को रेलिंग व उसके मध्य में टफन ग्लास लगाया गया है। महल के बरामदे में रेलिंग नहीं होने पर पूर्व में फोटोग्राफी करते समय गिरने की वजह से पर्यटक चुटैल हो जाते थे। अब इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगी।
अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि फतेहपुर सीकरी में दीवान-ए-खास के पिलर को सैलानियों के स्पर्श से बचाने को रेलिंग व टफन ग्लास लगाया गया है। अब पर्यटक इसे छू नहीं सकेंगे और वो सुरक्षित रहेगा।