Air Pollution: दमघोंटू हो रहा वायु प्रदूषण, गाजियाबाद में 24 घंटे में तीन की मौत
वायु प्रदूषण अब दमघोंटू हो रहा है। संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल की इमरजेंसी में सोमवार रात्रि में अलग-अलग समय पर सांस लेने में परेशानी होने पर भर्ती कराए गए तीन मरीजों की मौत हो गई है। इनमें एक 38 वर्षीय महिला का दम इमरजेंसी में पहुंचने से पहले ही निकल गया। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. योगेंद्र का कहना है कि दो मरीजों के फेफड़े में पहले से संक्रमण था।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। वायु प्रदूषण अब दमघोंटू हो रहा है। संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल की इमरजेंसी में सोमवार रात्रि में अलग-अलग समय पर सांस लेने में परेशानी होने पर भर्ती कराए गए तीन मरीजों की मौत हो गई है। इनमें एक 38 वर्षीय महिला का दम इमरजेंसी में पहुंचने से पहले ही निकल गया।
इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. योगेंद्र का कहना है कि दो मरीजों के फेफड़े में पहले से संक्रमण था। इनमें संजयनगर के रहने वाले नरेंद्र सिंह की 38 वर्षीय पत्नी संतोष को सांस लेने में परेशानी होने पर सुबह को ही भर्ती कराया गया था। इमरजेंसी में जांच करने पर कुछ देर बाद ही चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चिकित्सक का कहना है कि महिला को मृतावस्था में लाया गया था।
मृतकों में ये दो लोग शामिल
संजयनगर के रहने वाले 74 वर्षीय सत्येंद्र चौधरी को भी सांस लेने में परेशानी होने पर 27 नवंबर की रात को नौ बजे भर्ती कराया गया था। रात को ऑक्सीजन स्तर शून्य पर चला गया और मंगलवार सुबह चार बजे चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।
चिकित्सकों के अनुसार, उनको सांस की पहले से कोई समस्या थी। पेट दर्द और सांस लेने में दिक्कत होने पर भर्ती कराए गए आकाश नगर निवासी 55 वर्षीय छंगा सिंह की भी मौत हो गई। चिकित्सकों का कहना है की धुंध की वजह से सांस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उक्त की मौत की एक वजह स्मॉग हो सकती है।
सात नवंबर को भी हुई थी तीन लोगों की मौत
सांस लेने में परेशानी होने पर भर्ती कराए गए तीन मरीजों की सात नवंबर को भी मौत हुई थी। इनमें गोविंदपुरम के रहने वाले 70 वर्षीय रविंद्र, शास्त्रीनगर के रहने वाले 52 वर्षीय मनोज और कैलाशनगर के रहने वाले 65 वर्षीय अशोक सिंह शामिल हैं।
जिला एमएमजी अस्पताल में पांच दिन की ओपीडी में पहुंचे सांस और बुखार के मरीज
तिथि कुल मरीज सांस बुखार
28 नवंबर 1548 213 237
27 नवंबर 869 111 113
25 नवंबर 1688 225 246
24 नवंबर 1028 205 130
23 नवंबर 1364 196 236
स्टेशनों का एक्यूआई
स्टेशन एक्यूआई
वसुंधरा- 267
इंदिरापुरम- 184
संजयनगर- 251
लोनी- 298
जिले का एक्यूआई
28 नवंबर- 250
27 नवंबर- 300
26 नवंबर- 346
25 नवंबर- 389
24 नवंबर- 401
23 नवंबर- 361
22 नवंबर- 344
संतोष को इमरजेंसी में मृतावस्था में लाया गया था। सतेंद्र चौधरी को सांस लेने में परेशानी के बाद रात्रि में भर्ती कराया गया और सुबह को मौत हो गई। आक्सीजन देने पर सतेंद्र के फेफड़ों में सक्रमण के चलते आक्सीजन स्तर बढ़ने की जगह कम होने लगा। छंगा सिंह को भी सांस लेने में परेशानी होने पर भर्ती कराया गया था। सुबह को मृत घोषित कर दिया गया। सांस लेने में परेशानी होने पर धुंध की वजह से भी हालत गंभीर हो जाती है। फेफड़ों में संक्रमण के चलते मल्टी आर्गन फेलियर की संभावना बढ़ने पर मौत हो जाती है। तीनों मामलों में ऐसा ही हुआ है।
-डॉ. योगेंद्र कुमार, इमरजेंसी मेडिकल आफिसर संयुक्त अस्पताल।
वायु प्रदूषण बढ़ने पर पुराने सांस और हृदयरोगियों की सांस फूलने लगती है। सांस की नलियां संकुचित होने लगती है। दम घुटने लगता है। तुरंत इलाज न मिलने पर जान जा सकती है। सावधानी न बरतने पर एक्यूट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।
-डॉ. राजेश चावला, वरिष्ठ परामर्शदाता, पल्मोनोलाजिस्ट , अपोलो अस्पताल दिल्ली।