गाजियाबाद के एक गांव में बुखार से 15 लोगों की मौत, करीब 900 लोग अभी बीमार; अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम
गाजियाबाद जिले के मोदीनगर तहसील में भनैड़ा गांव इन दिनों बुखार की चपेट में हैं। एक महीने में 15 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 900 लोग अब भी बुखार से ग्रस्त हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी अलर्ट हो गई है। गांव में स्वास्थ्य कैंप शुरू कराए गए और लगातार दवाओं का वितरण किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, मोदीनगर। भनैड़ा गांव इन दिनों बुखार की चपेट में हैं। एक महीने में 15 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 900 लोग अब भी बुखार से ग्रस्त हैं। घर-घर में लोग बीमार है। लगातार बढ़ रहे बुखार से लोगों में दहशत है। बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं सब बुखार की चपेट में हैं।
स्वास्थ्य विभाग की टीम भी अलर्ट
दवा लेने के लिए गांव के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर रोजाना सौ से अधिक लोग पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी अलर्ट हो गई है। लगातार गांव में दवाओं का वितरण किया जा रहा है। पीआई सिस्टम से लोगों को सावधानी बरतने की हिदायत दी जा रही है।
कुछ ही दिनों में बुखार के मरीज दोगुनी
मुरादनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत भनैड़ा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर आता है। बीस सितंबर के आसपास गांव में कुछ लोगों को बुखार आया। उन्होंने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर दिखाया। जहां मामूली बुखार बताते हुए उन्हें दवा दी गई, लेकिन दवा से उन्हें आराम नहीं लगा। उन्हें गाजियाबाद के अस्पताल रेफर किया गया। कुछ ही दिनों में बुखार के मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई।
उस समय स्वास्थ्य विभाग ने इसपर ध्यान नहीं दिया। सितंबर महीने के अंत तक गांव में तीन मौत हो गई। जब भी स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता नहीं बरतीं। देखते ही देखते गांव में बुखार के मरीजों की संख्या एक हजार तक पहुंच गई। हर गली, हर मोहल्ले में लोग बुखार से पीड़ित हो गए। अब जब लोगों की मौत का आंकड़ा दस को पार कर गया तो स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हुआ।
गांव में स्वास्थ्य कैंप शुरू कराए गए। जिले से चिकित्सकों की टीम गांव में भेजी गई। घर-घर आशाओं को भेजकर बीमार लोगों की सूची तैयार कराई गई। हाल है कि गांव में एकाध ही घर ऐसा होगा, जहां लोग बीमार ना हो। उधर, सोमवार को एमएमजी अस्पताल से चिकित्सकों की टीम को भनैड़ा भेजा गया था, लेकिन वहां केवल पीएसी ग्यासपुर के प्रभारी ही लोगों को परामर्श दे रहे थे। एमएमजी टीम के चिकित्सक तो मोबाइल चलाते दिखे। इससे लोगों में उनके प्रति रोष रहा।
तालाब में हुई थी मछलियों की मौत
गांव में ही तालाब भी है। जिसमें मछली पालन होता है। ग्रामीणों ने बताया कि दो महीने पहले अगस्त महीने में वर्षा के बाद यहां मछलियां मर गई थी। काफी समय तक मछलियां तालाब में रही। जिससे पानी गंदा हो गया। कुत्ते भी मछलियों के अवशेष तालाब से निकालकर गांव में फेंक रहे थे। लेकिन विकास विभाग के अधिकारियों से इसपर ध्यान नहीं दिया। मछली पाल रहे ठेकेदार को भी नोटिस जारी नहीं किया गया।
ये हैं लक्षण
बुखार से ग्रस्त सभी लोगों में शरीर दर्द, चक्कर व उल्टी के लक्षण सामने आ रहे हैं। लीवर पर सूजन भी है। शरीर में कमजोरी व कंपन के भी मामले सामने आए हैं। सभी में एक जैसे लक्षण सामने आना स्वास्थ्य विभाग को परेशान कर रहा है। अभी तक बुखार का स्पष्ट नहीं हो सका है।
इनकी हो चुकी है मौत
42 वर्षीय कन्नू, 58 वर्षीय कालू, 78 वर्षीय पदम शर्मा, 55 वर्षीय राजकुमारी, 58 वर्षीय राजेश्वरी, 43 वर्षीय मनोज, 59 वर्षीय जयप्रकाश, राजेंदरी, पांच वर्षीय अन्य पुत्र विशाल आदि। किसी का भी पोस्टमार्टम नहीं किया गया है।
गांव में फैली है गंदगी
गांव में जगह-जगह फैली है। यहां नालियों से पानी निकलकर कुछ जगहों पर रास्ते में जलभराव हो रहा है। इस जलभराव से मच्छर पनप रहे हैं। हालांकि, जब से लोग बीमार हुए तो गांव में तीन बार फागिंग कराने का विभाग दावा कर रहा है। गांव की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट है।
संक्रामक रोग से भनैड़ा में कोई मौत नहीं हुई है। पिछले दिनों डेंगू व टाइफाइड के मरीज सामने आए थे, जिनका उपचार कराया गया। गांव में फागिंग कराई गई है। लोगों को क्लोरीन की गोलियां भी बांटी गई हैं। - डा. आरके गुप्ता, जिला सर्विलांस अधिकारी।
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