Ghaziabad: कूड़ा निस्तारण को ली जमीन पर निगम की लारपवाही से खड़ा हुआ 20 फीट ऊंचा पहाड़, अब नाकामी छुपाने में जुटे अधिकारी
गाजियाबाद नगर निगम कूड़ा निस्तारण में नाकाम हो रहा है यही वजह है कि सड़कों पर कूड़े के ढेर लग रहे हैं तो जगजीवनपुर में खेत में कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। इस समस्या की मुख्य वजह नगर निगम के पास कूड़ा निस्तारण के लिए न तो खुद की जमीन है न ही कोई ठोस योजना है।
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। स्वच्छता के मामले में उत्तर प्रदेश में पहले पायदान पर काबिज गाजियाबाद नगर निगम कूड़ा निस्तारण में नाकाम हो रहा है, यही वजह है कि सड़कों पर कूड़े के ढेर लग रहे हैं तो जगजीवनपुर में खेत में कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है।
यह हाल तब है जब हर साल स्वास्थ्य विभाग का बजट बढ़ रहा है। वर्ष 2021-22 में 113 करोड़ रुपये, वर्ष 2022-23 मेें 139 करोड़ रुपये खर्च किए गए और वर्ष 2023-24 में 185 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है। इस समस्या की मुख्य वजह नगर निगम के पास कूड़ा निस्तारण के लिए न तो खुद की जमीन है न ही कोई ठोस योजना है।
लापवाही से खड़ा हुआ 20 फीट ऊंचा पहाड़
इंदिरापुरम, सिद्धार्थ विहार, राजनगर एक्सटेंशन, शाहपुर में पहले नगर निगम ने कूड़े के पहाड़ बनाए। लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने और एनजीटी द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अब नगर निगम द्वारा पाइपलाइन रोड के पास जग जीवनपुर में शहर का कूड़ा निस्तारण के लिए डंप किया जा रहा है।
आलम यह है कि जितनी जमीन को कूड़ा निस्तारण के लिए किराए पर लिया गया है, वहां निस्तारण में लापरवाही किए जाने के कारण 20 फीट ऊंचा कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है, पहाड़ से गिरता कूड़ा आसपास के अन्य खेतों में और वहां से गुजर रहे नाले में भरा रहा है। जिस कारण यहां पर लोगों का खेती करना मुश्किल हो रहा है, आसपास से गुजरने वाले लोगों को बदबू झेलनी पड़ती है।
ठंडे बस्ते में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, दूसरी जगह की हो तलाश
कूड़ा निस्तारण के लिए गालंद में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है, इसके लिए वहां पर करोड़ोंं रुपये खर्च कर 44 एकड़ भूमि खरीदी गई है। नीदरलैंड की कंपनी को यहां पर कूड़े से बिजली बनाने का काम करना है लेकिन आसपास के लोग इसका विरोध कर रहे हैं, जिस कारण अब तक जमीन की चारदीवारी तक नहीं हो सकी है।
ऐसे में शहर में कूड़ा निस्तारण की समस्या जस की तस है, लोगों की मांग है कि नगर निगम यदि गालंद में प्लांट नहीं लगवा पा रहा है तो इसके लिए गाजियाबाद में किसी दूसरी जगह की तलाश की जाए, जिससे कि समस्या का समाधान हो।
एक किसान दीपक चौधरी ने बताया कि मेरे खेत में कूड़ा भर गया है, जिस कारण अब खेती करना मुश्किल हो रहा है। इसकी शिकायत नगर निगम के अधिकारियों से की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
गौरव भदौरिया ने बताया कि शहर में कूड़ा निस्तारण में लापरवाही हो रही है। रोजाना न तो घरों से कूड़ा उठाया जाता है न ही सड़कों से कचरे का अंबार खत्म हो रहा है। त्योहार के मौके पर भी सड़कों पर गंदगी है।
निरीक्षण को जाएंगी महापौर
इस संबंध में जब गाजियाबाद की महापौर सुनीता दयाल से पूछा तो उन्होंने कहा-
मैं खुद मौके पर निरीक्षण के लिए जाऊंगी, कूड़े के निस्तारण में लापरवाही ठीक नहीं है। इसका स्थायी समाधान जल्द ही कराने के लिए बैठक कर निर्णय लिया जाएगा।
वहीं, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एमके सिंह ने कहा,
जगजीवरपुर में कूड़ा निस्तारण के लिए ले जाया जाता है, दूसरे किसानों के खेतों में कूड़ा डलने की जानकारी नहीं है। कूड़ा निस्तारण का कार्य कर रही जीरोन कंपनी के अधिकारियों से इस संबंध में पता किया जाएगा, समस्या के निस्तारण के लिए उचित इंतजाम किए जाएंगे।
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