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गाजियाबाद में हाथरस कांड पार्ट-2 की कोशिश! महिला सुरक्षाकर्मी से हुई दरिंदगी, शव लेकर देर रात घाट पहुंची पुलिस

Ghaziabad Crime News क्रॉसिंग रिपब्लिक की एक सोसाइटी महिला सुरक्षाकर्मी की दुष्कर्म के बाद मौत होने के मामले में पीड़ित परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता के मौसेर भाई ने आरोप लगाया कि पुलिस हाथरस कांड जैसी कार्रवाई करने का प्रयास कर रही है। पुलिस देर रात शव को लेकर घाट पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंच गई।

By Ayush GangwarEdited By: GeetarjunUpdated: Tue, 29 Aug 2023 12:47 AM (IST)
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एसीपी वेव सिटी सलोनी अग्रवाल व एसएचओ क्रासिंग रिपब्लिक उमेश नैथानी, परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए बना रहे दबाव।

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। क्रॉसिंग रिपब्लिक की एक सोसाइटी महिला सुरक्षाकर्मी की दुष्कर्म के बाद मौत होने के मामले में पीड़ित परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता के मौसेर भाई ने आरोप लगाया कि पुलिस हाथरस कांड जैसी कार्रवाई करने का प्रयास कर रही है।

आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम के दौरान उन पर शव झारखंड ले जाने का दबाव बनाया और बाद में पुलिस शव गाजियाबाद के हरनंदी नदी के घाट पर लाकर अंतिम संस्कार का दबाव बनाने लगी। परिजनों ने पुलिस को कहा कि उनके यहां सूरज ढलने के बाद अंतिम संस्कार नहीं होता है, फिर भी पुलिस अंतिम संस्का का दबाव बना रही थी।

आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी का घाट का वीडियो बनाने पर एसीपी वेव सिटी सलोनी अग्रवाल के हमराह ने उनका मोबाइल तोड़ दिया। डियाकर्मियों के पहुंचने के बाद सभी पुलिसकर्मी नदारद हो गए। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंस की चाभी भी छीन ली और एंबुलेंस‌ के चालक को अपने साथ ले गए। शव भी एंबुलेंस में ही रखा है। वहीं, एसीपी ने इन आरोपों से इनकार किया है।

क्या है पूरा मामला?

क्रॉसिंग रिपब्लिक की एक सोसाइटी में रविवार दोपहर मेंटेनेंस इंचार्ज द्वारा दुष्कर्म के बाद जहरीला पदार्थ खाने वाली महिला सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई। झारखंड के गिरीडीह की पीड़िता को स्वजन देर रात नोएडा से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले गए थे। यहां सोमवार सुबह पीड़िता ने दम तोड़ दिया। थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक पुलिस ने केस दर्ज कर अलीगढ़ में टप्पल के आरोपित अजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।

'अजय सर ने बहुत गंदा काम किया है'

पीड़िता की हालत इतनी खराब थी कि वह बयान तक नहीं दे पाई। अस्पताल के पर्चे पर ही पीड़िता ने सिर्फ एक लाइन में लिखा कि अजय सर ने मेरे साथ बहुत गंदा काम किया है। बयान के नीचे पीड़िता हस्ताक्षर भी बमुश्किल कर पाई। मौत से पहले पीड़िता का यही अंतिम बयान अजय के खिलाफ सबसे प्रमुख साक्ष्य है।

बता दें कि पीड़िता को रविवार को संदिग्ध हालात में नोएडा के वृंदावन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सूचना पर पहुंचे मौसेरे भाई ने पुलिस को शिकायत दी थी कि सोसाइटी में उनकी बहन के साथ अजय और उसके दो साथियों ने दुष्कर्म किया। चिकित्सक ने रिपोर्ट दी थी कि किसी जहरीले पदार्थ के कारण हालत खराब हुई।

सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि नहीं

पुलिस के मुताबिक सामूहिक दुष्कर्म की बात सामने नहीं आई है। मौसेरे भाई की तहरीर पर सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज कर तफ्तीश की तो फुटेज में कोई बाहरी व्यक्ति आने की पुष्टि नहीं हुई। पीड़िता ने भी बयान में सिर्फ अजय का ही नाम लिखा है। इसीलिए मामले को दुष्कर्म में तरमीम किया गया है। पुलिस के मुताबिक सफदरजंग अस्पताल में मौसेरे भाई ने सिर्फ अजय द्वारा दुष्कर्म करने का बयान दिया है।

फेफड़ों को पहुंचा नुकसान

पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने में अभी वक्त लगेगा। हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि उसके फेफड़ों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इस कारण उसे सांस लेने में ज्यादा तकलीफ हो रही थी। स्वजन ने टीबी या किसी अन्य बीमारी होने से इनकार किया है। पीड़िता ने खुद जहरीला पदार्थ लिया या नहीं, इसको लेकर पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। मौत से संबंधित धारा इसके बाद ही जोड़ी जाएगी।

क्या था हाथरस कांड?

बूलगढ़ी गांव के बाहर एक खेत में 14 सितंबर, 2020 की सुबह अपनी मां व भाई के साथ चारा काटने गई युवती पर हमला किया गया था। तब मां ने मारपीट का मामला बताया था। भाई की तहरीर पर मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद युवती जिला अस्पताल ले जाई गई।

गले पर चोट के निशान होने के चलते इसे अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज भेजा गया और 28 सितंबर को सफदरजंग अस्पताल दिल्ली रेफर किया गया, जहां 29 सितंबर की सुबह साढ़े छह बजे मौत हो गई। बिगड़ते माहौल के चलते प्रशासन ने रात 2:30 बजे गांव में ही अंतिम संस्कार करा दिया था। इसके बाद देशभर में प्रदर्शन हुए और लगभग सभी राजनीतिक दल इसमें कूदे।

युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जिसकी पुष्टि मेडिकल, पोस्टमार्टम और एसएचएल जांच में नहीं हुई थी। इस कांड के चार आरोपित गांव के ही लवकुश, संदीप, रामू व रवि घटना से एक सप्ताह के अंदर ही गिरफ्तार कर लिए गए थे।