Lok Sabha Election 2024: भाजपा-रालोद गठबंधन से बदलेगा समीकरण, पश्चिमी यूपी की इन सीटों पर होगा खास असर
यदि भाजपा-रालोद (BJP-RLD) में गठबंधन हुआ तो बागपत लोकसभा की सीट रालोद के खाते में जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। इसका सीधा असर मोदीनगर की राजनीति पर भी पड़ेगा। यहां राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल जाएंगे। पहले हुए चुनावों में जाट समाज भाजपा और रालोद में बटा लेकिन गठबंधन में रालोद मजबूत होगी। इसका प्रभाव आगामी विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा।
जागरण संवाददाता, मोदीनगर। राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन की चर्चा से बागपत लोकसभा क्षेत्र के सत्ताधारी नेताओं की बेचैनी बढ़ी हैं। चर्चाओं का बाजार गर्म हैं। जहां सत्ताधारी नेताओं का पिछले दस साल से बागपत लोकसभा क्षेत्र में एकछत्र राज है। वह अब गठबंधन के बाद उन्हें छिनता नजर आ रहा है।
यदि गठबंधन हुआ तो बागपत लोकसभा की सीट रालोद के खाते में जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। रालोद मुखिया का खुद इस सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है। इसका सीधा असर मोदीनगर की राजनीति पर भी पड़ेगा। यहां राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल जाएंगे। रालोद के कद्दावर नेता फिर सक्रिय होंगे। जिसका असर सत्ताधारी दल की राजनीति पर पड़ेगा।
गठबंधन में मजबूत होगी रालोद
जाट बाहुल कहे जाने वाली पश्चिमी यूपी की बेल्ट पर जाट समाज मोदीनगर विधानसभा के साथ बागपत लोकसभा बड़ी भूमिका रखते हैं। पहले हुए चुनावों में जाट समाज भाजपा और रालोद में बटा, लेकिन गठबंधन में रालोद मजबूत होगी। इसका प्रभाव आगामी विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा। ऐसे में 2027 में मोदीनगर विधानसभा पर चुनाव जीतना सत्ताधारी दल के लिए आसान नहीं होगा।सत्तादल के नेताओं में बेचैनी
इससे सत्तादल के नेताओं में बेचैनी हैं। उनके चेहरे पर परेशानी झलक रही है। हालांकि, शीर्ष नेतृत्व के फैसले को सही बताते हुए अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। बागपत लोकसभा से पिछले दस साल से डॉ. सत्यपाल सिंह सांसद हैं। इनसे पहले चौ. अजित सिंह यहां सांसद थे। वर्तमान में बागपत लोकसभा में पांच विधानसभा हैं, जिसमें मोदीनगर, सिवालखास, छपरौली, बागपत व बड़ौत हैं।
कद्दावर नेताओं की जल्द रालोद में वापसी
मोदीनगर से डॉ. मंजू शिवाच, बड़ौत से केपी मलिक व बागपत से योगेश धामा विधायक हैं। तीन भाजपा के विधायक हैं, जबकि रालाेद के सिवालखास से गुलाम मोहम्मद व छपरौली से अजय तोमर विधायक हैं। सूत्रों की मानें तो मोदीनगर की राजनीति के कई कद्दावर नेता कुछ ही दिन में रालोद का दामन थाम सकते हैं।कुछ समय पहले ही ये रालोद से भाजपा में गए थे, लेकिन अब गठबंधन की आहट के बाद से ही इनकी वापसी की चर्चाएं होने लगी हैं। इनमें शहर के एक पूर्व विधायक का नाम भी जोरो पर है। इन नेताओं का बड़ा जनाधार है। सभी को बस गठबंधन की घोषणा का इंतजार है।
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