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Kanpur News: ट्रीटमेंट प्लांट तैयार, फिर भी गंगा हो रहीं मैली, सालभर पहले पीएम मोदी ने किया था इसका लोकार्पण

कानपुर के क्षेत्रीय अधिकारी उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अमित मिश्र ने कहा कि प्लांट को चालू करके परीक्षण कर लिया गया है। टेनरी वालों की स्थिति पारदर्शी रखने के लिए एसोसिएशन हर संभव प्रयास करेगा। रिजवान नादरी टेनरी प्रतिनिधि जटेटा शोधन संयंत्र चालू करने और प्रदूषित पानी उपलब्ध कराने के लिए जल निगम के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Tue, 05 Mar 2024 10:28 AM (IST)
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जाजमऊ वाजिदपुर स्थित नया ट्रीटमेंट प्लांटl प्रबंधन

 अनुराग मिश्र, कानपुर। बदहाली और अव्यवस्था की तस्वीर देखिए। टेनरी और सीवर का प्रदूषित पानी सीधे गंगा में गिर रहा है। पुराना शोधन संयंत्र चलाया नहीं जा रहा है और जो नया संयंत्र तैयार है उसे एफ्लुएंट (प्रदूषित पानी) दिया नहीं जा रहा है। यह हाल तब है जब केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गंगा की निर्मलता को लेकर विशेष ध्यान है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में नए प्लांट का लोकार्पण किया था लेकिन इसे अब तक चालू नहीं किया जा सका है। जाजमऊ टेनरी एफ्लुएंट ट्रीटमेंट एसोसिएशन (जटेटा) की ओर से जल निगम के अधिकारियों को पत्र भी भेजा जा चुका है लेकिन पुराने प्लांट पर 41.50 करोड़ रुपये की बकायेदारी होने और भुगतान न होने की आड़ लेकर इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जाजमऊ, वाजिदपुर और आसपास के क्षेत्र में 402 टेनरियां संचालित थीं।

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इनके प्रदूषित पानी के शोधन के लिए कामन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट वाजिदपुर में लगाया गया था। जल निगम इसका संचालन करा रहा था। इसमें 27 एमएलडी सीवर और टेनरियों के नौ एमएलडी पानी के शोधन की क्षमता थी। पुराना होने और अक्सर न चलाने की वजह से टेनरी संचालकों पर क्षमता से ज्यादा एफ्लुएंट भेजने का आरोप लगता रहा।

इस पर टेनरी संचालकों ने अलग टेनरी प्लांट की मांग रखी। नमामि गंगे परियोजना के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से 20 एमएलडी ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण की व्यवस्था तय की गई थी। चेन्नई की वाटेक वाबाग कंपनी ने इसका निर्माण किया। इसमें तय किया गया था कि पहले पांच साल कंपनी ही प्लांट को संचालित करेगी, इसके बाद जटेटा इसे टेनरी वालों से अंशदान लेकर चलाएगा।

10 एमएलडी का ट्रीटमेंट प्लांट चालू कर दिया गया लेकिन एफ्लुएंट नहीं दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पुराने प्लांट की बकायेदारी का भुगतान न होने की वजह से नए प्लांट को एफ्लुएंट नहीं दिया जा रहा है क्योंकि नया प्लांट चालू होने पर भुगतान फंसने का डर है।

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दबाव बनाने की साजिश तो नहीं प्लांट बंदी

बीते दो महीने में पुराना प्लांट बकाया भुगतान को लेकर कई बार बंद किया गया और प्रदूषित पानी गंगा में जाता रहा। इसके बाद कुछ भुगतान हुआ तो फिर प्लांट चालू कर दिया गया। इसे दबाव बनाने की साजिश के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि अधिकारी इस पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

परियोजना प्रबंधक जल निगम विशाल सिंह ने कहा कि जटेटा को टेनरी उत्प्रवाह के सीवरेज पंपिंग स्टेशन से नए 20 एमएलडी ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ना है। अभी तक वाजिदपुर वाले सीवरेज पंपिग स्टेशन से जोड़ा है। छबीलेपुरवा, बुढ़ियाघाट व शीतला बाजार सीवरेज पंपिंग स्टेशन से जटेटा को जोड़ना है। सारे पंपिंग स्टेशन से जुड़ने के बाद टेनरी का उत्प्रवाह मिलने लगेगा।

क्षेत्रीय अधिकारी उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अमित मिश्र ने कहा कि प्लांट को चालू करके परीक्षण कर लिया गया है। टेनरी वालों की स्थिति पारदर्शी रखने के लिए एसोसिएशन हर संभव प्रयास करेगा। रिजवान नादरी, टेनरी प्रतिनिधि जटेटा शोधन संयंत्र चालू करने और प्रदूषित पानी उपलब्ध कराने के लिए जल निगम के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।