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Chakbandi In UP: चकबंदी में छह दशक पहले लापता हुए 4859 तालाब, SC के आदेश पर तलाश में जुटा जिला प्रशासन

वर्ष 1952 में जमीदारी व्यवस्था के उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम के लागू होने के उपरांत चकबंदी करने में हुई गड़बड़ी

By arvind kumar singhEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Fri, 29 Sep 2023 06:52 PM (IST)
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अकबरपुर के अरियौना गांव में तालाब की भूमि से अतिक्रमण हटवाते तहसील प्रशासन के अधिकारी।; जागरण आर्काइव
अरविंद सिंह, अंबेडकरनगर। वर्ष 1952 में जमींदारी व्यवस्था के उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम के लागू होने के उपरांत चकबंदी कराई गई। इसमें 4,859 तालाब राजस्व अभिलेखों से लापता हो गए। छह दशक बीतने के उपरांत भी राजस्व विभाग गायब हुए तालाबों की तलाश नहीं कर सका है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर जिला प्रशासन वापस लापता तालाबों की तलाश में जुट गया है। चकबंदी के दौरान तालाबों के गाटा संख्या और रकबे को घटा दिया गया व नक्शे से मिटा दिया गया है। राजस्व विभाग अब 1,359 फसली वर्ष के नक्शे से वर्तमान और लापता तालाबों के रकबों और गाटा संख्या की वास्तविक स्थिति खंगाल रहा है।

तालाबों का तीन हजार हेक्टेयर घटा रकबा

पांचों तहसील अकबरपुर, टांडा, आलापुर, जलालपुर व भीटी तहसील के 1,650 गांवों में वर्ष 1952 के 1,359 फसली वर्ष में कुल 17,099 तालाब दर्ज रहे। चकबंदी होने के बाद 4,848 नए तालाबों का निर्माण कराया गया। लिहाजा कुल 12,152.8457 हेक्टेयर में 21,947 तालाबों के सापेक्ष वर्तमान समय में 9374.2078 हेक्टेयर में 17,088 तालाब बचे हैं। सात दशक में 2778.6379 हेक्टेयर रकबा 4,859 तालाबों के गायब होने से कम हुआ है। हालांकि 80 तालाबों पर अतिक्रमण चिन्हित किया गया था, इसके सापेक्ष 41 तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है। कुल तालाबों के सापेक्ष 16,704 अतिक्रमण मुक्त हैं।

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तहसीलों में लापता हुए तालाब

अकबरपुर तहसील के 325 गांवों में चकबंदी से पूर्व तक 4,965 तालाब रहे। चकबंदी के बाद 218 नए तालाब खोदे गए। कुल मिलाकर यहां 5,183 तालाब होने चाहिए। वर्तमान में यहां 4,946 तालाब हैं। यहां 237 तालाब गायब हुए हैं। आलापुर तहसील के 407 गांवों में चकबंदी से पहले तक 3,098 तालाब रहे। चकबंदी के उपरांत 294 नए तालाब खोदे गए। कुल मिलाकर यहां 3,392 तालाब होने चाहिए। वर्तमान में यहां 3,086 तालाब हैं। यहां 306 तालाब गायब हुए हैं। जलालपुर तहसील के 305 गांवों में चकबंदी से पहले तक 3,270 तालाब दर्ज थे।

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चकबंदी होने के बाद 2,515 नए तालाब खोदे गए। कुल मिलाकर यहां 5,785 तालाब होने चाहिए। वर्तमान में यहां पर 3,270 तालाब हैं। यहां कुल 2,515 तालाब गायब हुए हैं। टांडा तहसील के 365 गांवों में चकबंदी से पूर्व तक 3,231 तालाब रहे। चकबंदी के बाद 1,267 नए तालाब खोदे गए। कुल मिलाकर यहां 4,498 तालाब होने चाहिए। वर्तमान में यहां 3,214 तालाब हैं। भीटी तहसील के 245 गांवों में चकबंदी से पूर्व तक 2,535 तालाब रहे। चकबंदी के बाद 554 नए तालाब खोदे गए। कुल मिलाकर यहां 3,089 तालाब होने चाहिए थे। वर्तमान में यहां 2,572 तालाब हैं।

राजस्व अभिलेखों में दर्ज तालाबों का सर्वे कराते हुए चिन्हित भी किया गया है। अतिक्रमित हुए तालाबों की भूमि को सख्ती से खाली कराने का निर्देश तहसीलों को दिया गया है। डॉ. सदानंद गुप्त, एडीएम

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