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Lucknow News : जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट के पास खुद को आग लगाने वाली अंजली की मौत, वकील ने आत्मदाह के लिए उकसाया था

Lucknow News in Hindi पुलिस को अंजलि और अधिवक्ता सुनील की बातचीत की कई रिकार्डिंग भी मोबाइल में मिल गईं। मोबाइल में मिली रिकार्डिंग और मोबाइल नंबर काल डिटेल्स के साक्ष्यों के आधार पर आरोपित सुनील को पूछताछ के लिए गौतमपल्ली लाया गया था इसके बाद गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ करते हुए कई साक्ष्य जुटाए हैं।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 11 Aug 2024 08:37 PM (IST)
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आरोपी वकील को पुलिस ने किया गिरफ्तार।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। विक्रमादित्य मार्ग पर जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट के पास मंगलवार सुबह खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाने वाली उन्नाव की अंजलि की रविवार शाम मौत हो गई। किंग जार्ज मेडिकल कालेज (केजीएमयू) के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में अंजलि की मौत हुई। यहीं उनका इलाज चल रहा था।

अंजली ने उन्नाव की पुरवा तहसील के पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष एवं अधिवक्ता सुनील कुमार के भड़काने पर आत्मदाह का प्रयास किया था। बंदरिया बाग चौकी प्रभारी बागेश की तहरीर पर अधिवक्ता सुनील के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने गुरुवार रात उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

अंजलि ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ लिखवाया था मुकदमा

सुनील पुरवा के पीरजादी गढ़ी के रहने वाले है। दरअसल अंजली ने दो अगस्त को पुरवा थाने में पति देशराज रैदास, सास रामकुमारी, देवरानी शालिनी और नाबालिग भतीजे पर दहेज प्रताड़ना और मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था। पुरवा पुलिस ने मामले में देशराज और उसके भाई को शांति भंग में जेल भेज दिया था। अंजली देवरानी और नाबालिग भतीजे को भी जेल भेजने की मांग कर रही थी।

वकील ने अंजलि को आत्महत्या करने की दी थी सलाह

पुलिस दोनों की भूमिका की जांच कर रही थी। पुलिस उपायुक्त मध्य रवीना त्यागी के मुताबिक इस बीच पुरवा तहसील में अंजली की मुलाकात अधिवक्ता सुनील से हुई थी। सुनील ने अंजली को भड़काया था। उसने कहा था कि एक बोतल में पेट्रोल लेकर लखनऊ जाओ। वहां विधानभवन अथवा मुख्यमंत्री आवास के पास जाकर आत्मदाह का प्रयास करो। इसके बाद पुरवा थाने के सारे पुलिस कर्मी नप जाएंगे।

आरोपी वकील को पुलिस ने किया गिरफ्तार

इतना ही नहीं उनके खिलाफ एससीएसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। अंजली के आत्मदाह के प्रयास के बाद जब पुलिस ने अंजलि के मोबाइल की काल डिटेल्स देखी तो उसमें अधिवक्ता से बातचीत के साक्ष्य मिले।

अंजली के मासूम बच्चे को घटना के बाद पुलिस ने सीडब्ल्यूसी के सिपुर्द कर दिया था। इसके बाद जब उसके मायके वाले पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें दे दिया था।

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