Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

गाजीपुर में Mukhtar Ansari की 12 करोड़ रुपये की संपत्ति बनी सरकारी, बेटे अब्बास-उमर की याचिका निरस्त

मुख्तार अंसारी की गाजीपुर स्थित 12 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति अब सरकारी हो गई है। आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई ने पिछले साल अप्रैल में इस संपत्ति को जब्त किया था। मुख्तार ने इस संपत्ति को अपने करीबी प्रापर्टी के कारोबारी गणेश दत्त मिश्र के नाम से खरीदा था। निर्णायक प्राधिकारी कार्यालय ने अब्बास और उमर की याचिका को निरस्त कर दिया है।

By Nishant Yadav Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 11 Sep 2024 09:36 PM (IST)
Hero Image
माफिया मुख्तार अंसारी - फाइल फोटो ।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई ने माफिया मुख्तार अंसारी की गाजीपुर की 12 करोड़ रुपये की जिस संपत्ति को जब्त किया था, अब वह सरकारी हो गई है। मुख्तार अंसारी की बेनामी सपंत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई को निर्णायक प्राधिकारी कार्यालय ने स्वीकृति देते हुए उसके बेटे अब्बास और उमर की याचिका को निरस्त कर दिया है।

आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई ने पिछले साल अप्रैल में गाजीपुर स्थित कपूरपुर मौजा क्षेत्र में माफिया मुख्तार अंसारी की 12.10 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों को जब्त किया था। मुख्तार ने इस संपत्ति को अपने करीबी प्रापर्टी के कारोबारी गणेश दत्त मिश्र के नाम से खरीदा था।

गाजीपुर पुलिस ने आयकर विभाग को भेजी गोपनीय रिपोर्ट

गाजीपुर पुलिस ने आयकर विभाग को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजकर बताया था कि मुख्तार ने गणेश दत्त मिश्र और उनके पिता शिवशंकर मिश्र के नाम से कई बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं। आयकर विभाग को जांच में पता चला कि गणेश दत्त मिश्र ने 0.11748 हेक्टेयर भूमि सुषमा श्रीवास्तव और 0.254 हेक्टेयर भूमि गीता राय के नाम से खरीदी थी।

सेल डीड में भुगतान के लिए जिन चेक की जानकारी दी गई थी, उनका कभी भुगतान ही नहीं किया गया। भूमि मुख्तार अंसारी की थी और उसे गणेश दत्त मिश्र के नाम करवा दिया गया था। आयकर विभाग ने गणेश को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। आयकर विभाग ने गाजीपुर पुलिस से संपर्क किया था। इसके बाद आयकर विभाग ने उससे पूछताछ करके सारी जानकारी हासिल की थी।

ये भी पढ़ें - 

'मुख्तार अंसारी को जेल में जहर दिया, इलाज तक नहीं मिला', सुप्रीम कोर्ट में उमर का आरोप