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Vireshwar Dwivedi: आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक वीरेश्वर द्विवेदी का निधन, पैतृक गांव में किया जाएगा अंतिम संस्कार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक और राष्ट्रधर्म पत्रिका के पूर्व संपादक वीरेश्वर द्विवेदी का डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (लखनऊ) में निधन हो गया। 78 वर्षीय वीरेश्वर द्विवेदी ने सोमवार शाम पांच बजे अंतिम सांस ली। वीरेश्वर द्विवेदी ने दैनिक जागरण कानपुर में उप संपादक के तौर पर पत्रकारिता की शुरुआत की थी। 1972 में पत्रकारिता छोड़कर वह आरएसएस के प्रचारक बने थे।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Tue, 05 Sep 2023 12:19 AM (IST)
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द्विवेदी ने 52 वर्ष तक संघ प्रचारक के दायित्वों का निर्वहन किया।

लखनऊ, जागरण संवाददाता: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक और राष्ट्रधर्म पत्रिका के पूर्व संपादक वीरेश्वर द्विवेदी का डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (लखनऊ) में निधन हो गया। 78 वर्षीय वीरेश्वर द्विवेदी ने सोमवार शाम पांच बजे अंतिम सांस ली। वह बीते कुछ दिनों से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे। उनकी पार्थिव देह मंगलवार सुबह चार बजे पैतृक ग्राम भाल, कानपुर देहात पहुंचाई जाएगी, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

वीरेश्वर द्विवेदी ने दैनिक जागरण कानपुर में उप संपादक के तौर पर पत्रकारिता की शुरुआत की थी। 1972 में पत्रकारिता छोड़कर वह आरएसएस के प्रचारक बने थे। कानपुर देहात के राजपुर क्षेत्र के भाल गांव में 17 अगस्त, 1945 को जन्मे द्विवेदी ने 52 वर्ष तक संघ प्रचारक के दायित्वों का निर्वहन किया। 

श्रीराम मंदिर आंदोलन में भी भूमिका

वह अशोक सिंहल की प्रेरणा से संघ के प्रचारक बने थे। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री व मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे। श्रीराम मंदिर आंदोलन में भी उनकी भूमिका रही। उन्होंने राष्ट्रधर्म, पथसंकेत और हिंदू विश्व पत्रिकाओं का संपादन किया। उनकी संघ नीव में विसर्जित के साथ ही लगभग 30 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। 

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के क्षेत्र प्रचार प्रमुख भी रहे

अंग्रेजी विषय में परास्नातक वीरेश्वर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश के संगठन मंत्री और संघ के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के क्षेत्र प्रचार प्रमुख भी रहे। उन्होंने लोकसभा निर्वाचनों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव संयोजक की जिम्मेदारी भी निभाई थी। प्रचारक बनने से पहले वह उरई के डीएवी कालेज के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे।