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देशभर में दो हजार से ज्यादा लोगों को ठगा, नोएडा में कॉल सेंटर का पर्दाफाश; मैनेजर समेत पांच गिरफ्तार

नोएडा पुलिस ने एआई बेस्ड फर्जी ट्रेडिंग साफ्टवेयर बेचने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। सेक्टर 63 में संचालित दो कंपनियों के मैनेजर समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कंपनियों के चार डायरेक्टर समेत छह लोग फरार हैं। ठगों ने एक साल में 2000 से ज्यादा लोगों से 2.25 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है।

By Munish Kumar Sharma Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sat, 31 Aug 2024 08:37 AM (IST)
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नोएडा सेक्टर-63 पुलिस की गिरफ्त में आरोपित। जागरण

जागरण संवाददाता, नोएडा। सेक्टर 63 थाना पुलिस ने एआई बेस्ड फर्जी ट्रेडिंग साफ्टवेयर बेचने और अपग्रेड के नाम पर देशभर में ठगी करने वाले कॉल सेंटर का शुक्रवार को पर्दाफाश किया। सेक्टर 63 के एच ब्लॉक में संचालित हो रही दो कंपनी रोबोटेक प्रो आईटी एलएलपी व इंट्रावसर टेक्नोलाजी (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर समेत स्टाफ के पांच लोगों को गिरफ्तार किया।

कंपनियों के चार डायरेक्टर समेत छह लोग फरार हैं। एक साल में ठग 2,000 से ज्यादा लोगों से ठगी कर 2.25 करोड़ से ज्यादा रुपये ठग चुके हैं। एडीसीपी सेंट्रल नोएडा हृदेश कठेरिया ने बताया कि पुलिस ने तेलंगाना की कामिनी और आंध्र प्रदेश व गुजरात से मिली शिकायत पर जांच की तो सेक्टर 63 के एच 110 भूखंड के चतुर्थ तल पर दोनों कंपनियां सेबी व आईएसओ का हवाला देकर फर्जी तरीके से चलती मिलीं।

दो बैंक खाते में मिले 1.80 करोड़ और 35 लाख

लैपटाप में ठगों के पास एक साल से जुड़े ग्राहकों के डाटा की जांच की तो, दो बैंक खाते में 1.80 करोड़ व 35 लाख रुपये मिले। ठगों ने पूछताछ में बताया कि दोनों कंपनी के माध्यम से एआई आधारित एल्गो ट्रेडिंग साफ्टवेयर सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार कर शेयर ट्रेडिंग करने वालों को निशाना बनाते थे।

लाखों में बेचते थे साफ्टवेयर

साफ्टवेयर तकनीकी आर्थिक डाटा का विश्लेषण कर चुने शेयर में निवेश करने पर मुनाफा होने का दावा करते थे। 14 हजार रुपये से 1.20 लाख रुपये तक में साफ्टवेयर बेचते। यूजर आइडी व पासवर्ड डालकर ग्राहक उपयोग करता।

फर्जी साफ्टवेयर होने से ग्राहकों को नुकसान ही होता। रुपये वापस मांगने पर ग्राहकों को अपडेटेड व एडवांस साफ्टवेयर खरीदने का झांसा देकर और ठगी की जाती। वहीं, स्टाफ ने बताया शिकायत से बचने के लिए कर्मचारियों की आईडी पर ही सिम खरीदते थे।

यूपी, बिहार, झारखंड और दिल्ली के रहने वाले हैं ठग

आरोपितों की पहचान नई बस्ती मऊरानीपुर झांसी व सर्फाबाद नोएडा के अमर सिंह बौद्ध, झारखंड धनबाद व सर्फाबाद के पुरुषोत्तम, छपरा बिहार व खोडा के प्रमोद सिंह, सीतामढी बिहार व मोरना के दीपक कुमार व वेलकम दिल्ली की एकता के रूप में हुई, जबकि भागे हुए आरोपित डायरेक्टर खोड़ा सरस्वती विहार के रोबिन चंदेल व वीआर शरण, झांसी की रुपाली अग्रवाल, सर्फाबाद नोएडा के शिवम अग्रवाल, एचआर झांसी व गौर सिटी की प्रेरणा मौर्या व सेल्स मैनेजर शालिनी हैं।

ठगों से बरामद हुआ यह सामान

ठगों के पास से 33 लैपटाप, 23 कीपैड मोबाइल, 10 एंड्रायड मोबाइल फोन, एक एचआर प्रिंटर, तीन स्टाम्प मुहर, तीन क्यूआर कोड, सर्टिफेकेट, ई स्टाम्प प्रपत्र व एक चेक बुक मिली। पुलिस ने ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी करने, संपत्ति का दुरुपयोग, संगठित अपराध व आईटी एक्ट की धाराओं में कार्रवाई की।