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Greater Noida: 11 मिनट तक हुई थी लिफ्ट से छेड़छाड़, पुलिस ने जुटाए साक्ष्य

सोसायटी के लोगों का आरोप है कि सोसायटी की सुरक्षा में लगे गार्डों को कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। पहले भी लिफ्ट में सोसयटी के कई लोग फंस चुके हैं। पूरी सोसायटी इस समस्या का स्थायी समाधान चाहती है।

By Ajab SinghEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Sun, 09 Oct 2022 08:34 AM (IST)
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11 मिनट तक हुई थी लिफ्ट से छेड़छाड़, पुलिस ने जुटाए साक्ष्य

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। ग्रेनो वेस्ट स्थित पैरामाउंट इमोशंस सोसायटी में मंगलवार रात बच्चे के लिफ्ट में फंसने के मामले में पीड़ित अभिभावक ने शनिवार को पुलिस से मामले की लिखित शिकायत दी है। शिकायत का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने सोसायटी पहुंचकर साक्ष्य जुटाए।

पुलिस जांच में सामने आया है कि बच्चे 11 मिनट तक लिफ्ट के साथ छेड़छाड़ करते रहे। वहीं पीड़ित बच्चे की मां मंजू सिंह का दावा है कि बिल्डर प्रबंधन ने जो दो बच्चों का लिफ्ट के बटनों के साथ खेलते हुए का वीडियो प्रदर्शित किया है वह महज डेढ़ मिनट का है।

45 मिनट तक लिफ्ट में फंसा रहा बच्चा

बच्चा 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसा रहा। अलार्म बजाकर मदद मांगता रहा। बच्चे ने लिफ्ट में लगे आपातकालीन फोन (इंटरकाम सेवा ) से भी कई बार मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा गार्ड अथवा रखरखाव प्रबंधन के कर्मचारियों ने फोन नहीं उठाया। बच्चे की तलाश शुरू होने के करीब 45 मिनट के बाद उसे बेसुध अवस्था में लिफ्ट से बाहर निकाला जा सका।

बिल्डर प्रबंधन ने मौके पर ड्यूटी दे रहे गार्ड को हटाकर इतिश्री कर ली है। मंजू सिंह ने बताया कि बच्चा अभी भी डरा व सहमा हुआ है। लिफ्ट में आने-जाने से कतरा रहा है।

सुरक्षा गार्डों को नहीं कोई प्रशिक्षण

लोगों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लिफ्ट संचालन के लिए जो अनुमति दी है, उसके मुताबिक हर लिफ्ट में लिफ्टमैन होना चाहिए, लेकिन सोसायटी में एक भी लिफ्ट मैन अथवा प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी नहीं है। प्रबंधन का दावा है लिफ्ट की देखरेख में चार टेक्नीशियन है, जबकि मेंटेनेंस प्रबंधन के रिकार्ड में केवल एक ही टेक्नीशियन के हस्ताक्षर हैं।

यह है पूरा मामला

पीड़ित बच्चा अपने अभिभावक के साथ सोसायटी में हो रहे दुर्गा पूजा के कार्यक्रम को देखने पहुंचा था। जहां बच्चे का एक अन्य साथी मिल गया। दूसरा बच्चा सोसायटी के टावर एस के 15 वें फ्लोर पर रहता है। पौने 11 बजे के करीब वह अपने साथी के साथ खेलते-खेलते लिफ्ट में सवार होकर उसे उसके फ्लैट तक छोड़ने आया।

जहां दोनों बच्चे लिफ्ट में लगे बटनों के साथ छेड़खानी कर मस्ती करते रहे। दूसरे बच्चे के चले जाने के बाद बच्चे ने लिफ्ट से नीचे आने के लिए बटन दबाया, लेकिन लिफ्ट में तकनीकी खामी आने के कारण 14 व 15 वें फ्लोर के बीच में ही अटक गई।

बिसरख कोतवाली प्रभारी उमेश बहादुर सिंह ने बताया कि मामले में सुरक्षा गार्ड की लापरवाही सामने आई थी। इसे रखरखाव प्रबंधन पहले ही नौकरी से निकाल चुका है। अभी तक की जांच में कोई अपराध नहीं बनता। भविष्य के लिए विशेषज्ञों की राय ली जा रही है। पीड़ित की तहरीर के आधार पर जांच कर आगे की कार्रवाई होगी।