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भारत और नेपाल के रिश्ते बेहद अलग और खास, बीएचयू में आयोजित अंतरराष्ट्रीय आनलाइन गोष्ठी में बोले- सीएसएएस काठमांडू के निदेशक

भारत और नेपाल के रिश्ते किसी अन्य दो अंतरराष्ट्रीय पड़ोसी देशों से बेहद अलग और खास हैं। काशी और काठमांडू के भी धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध काफी प्राचीन हैं। यह बातें सेंटर फार साउथ एशियन स्टडीज (सीएसएएस) काठमांडू (नेपाल) के निदेशक डा. निश्चल एन पांडेय ने कही।

By Anurag SinghEdited By: Updated: Tue, 30 Aug 2022 08:41 PM (IST)
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बीएचयू के महिला महाविद्यालय के राजनीति विभाग के तत्वावधान में दक्षिण एशिया में भारत-नेपाल संबंध विषयक अंतरराष्ट्रीय आनलाइन गोष्ठी हुई।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। भारत और नेपाल के रिश्ते किसी अन्य दो अंतरराष्ट्रीय पड़ोसी देशों से बेहद अलग और खास हैं। काशी और काठमांडू के भी धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध काफी प्राचीन हैं। दोनों देशों के मध्य जल सहयोग, वैज्ञानिक सहयोग, शिक्षा, अनुसंधान और जन सहयोग बढ़ाकर इस पड़ोसी राष्ट्र को मजबूत किया जा सकता है, जो भारत के लिए अत्यंत उपयोगी होगा। यह बातें सेंटर फार साउथ एशियन स्टडीज (सीएसएएस), काठमांडू (नेपाल) के निदेशक डा. निश्चल एन पांडेय ने कही। वह मंगलवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय के राजनीति विभाग के तत्वावधान में आयोजित दक्षिण एशिया में भारत-नेपाल संबंध विषयक अंतरराष्ट्रीय आनलाइन गोष्ठी में बोल रहे थे।

 उन्होंने दक्षिण एशियाई राजनीति में भारत व नेपाल संबंधों के उतार-चढ़ाव पर विस्तार से अपने विचार रखे। गोष्ठी में साझी प्रगति और विकास के साथ-साथ भारत नेपाल संबंधों को और सुदृढ़ बनाने के लिए वैचारिक आदान-प्रदान पर भी बल दिया गया। डा. पांडेय ने गोष्ठी में उपस्थित शोध छात्र-छात्राओं व महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर भी दिया।

कार्यक्रम के आयोजन में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. इनू मेहता, राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डा. वैशाली रघुवंशी, डा. सीमा दास व डा. उमापति अत्तिकुप्पम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। विश्वविद्यालय के नेपाल अध्ययन केंद्र के संयोजक प्रो.मृत्युंजय मिश्र, प्रो. रजनी रंजन झा, डा. संजय कुमार एवं डा. राकेश पांडेय सहित विश्वविद्यालय के छात्र- छात्राएं सम्मिलित थे।