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Tejas Express शताब्दी एक्सप्रेस के बराबर होगा तेजस का किराया, 15 फरवरी से वाराणसी से दिल्ली के लिए परिचालन

15 फरवरी से दिल्ली के लिए तेजस एक्सप्रेस का परिचालन किया जाएगा। रेलवे प्रशासन की ओर से इसकी कवायद तेज कर दी गई है। इस ट्रेन के किराए को लेकर मंथन किया जा रहा है। शताब्दी एक्सप्रेस के बराबर किराया होने की उम्मीद जताई जा रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Tue, 09 Feb 2021 10:42 PM (IST)
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15 फरवरी से दिल्ली के लिए तेजस एक्सप्रेस का परिचालन किया जाएगा।

वाराणसी, जेएनएन। 15 फरवरी से दिल्ली के लिए तेजस एक्सप्रेस का परिचालन किया जाएगा। रेलवे प्रशासन की ओर से इसकी कवायद तेज कर दी गई है। इस ट्रेन के किराए को लेकर मंथन किया जा रहा है। शताब्दी एक्सप्रेस के बराबर किराया होने की उम्मीद रेलवे अफसरों की ओर से जताई जा रही है। हालांकि, अब तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही समय सारिणी के साथ ही किराए की सूची जारी कर दी जाएगी।

वंदे भारत एक्सप्रेस के पीओएच (फुल ओवरहालिंग) की अवधि पूरी हो गई है, इसलिए उसके विकल्प के तौर पर तेजस ट्रेन का संचालन किया जाएगा। 15 फरवरी से लेकर 31 मार्च तक वाराणसी से नई दिल्ली जाने वाले यात्रियों को तेजस में सफर करने का मौका मिलेगा और नई अनुभूति होगी। हालांकि, प्रस्तावित कारपोरेट ट्रेन तेजस की समय सारिणी को लेकर रेलवे प्रशासन ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। जल्द ही समय सारिणी जारी कर दी जाएगी। वाराणसी से नई दिल्ली के बीच चलने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस 15 फरवरी से नहीं चलेगी। यात्री इस ट्रेन में आरक्षण एक अप्रैल के बाद करा सकेंगे। रेलवे की तरफ से बताया गया है कि ट्रेन के कोच की ओवरहालिंग के लिए इसे लखनऊ और नई दिल्ली स्थित वर्कशाप में भेजा जाएगा।

एक अप्रैल से लौटेगी वंदे भारत

उत्तर रेलवे नई दिल्ली के सीपीआरओ दीपक कुमार ने बताया कि मरम्मत और ओवरहालिंग को देखते हुए 45 दिन तक नई दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन रद रहेगा। एक अप्रैल से पुन: यह ट्रेन वापस ट्रैक पर उतरेगी। यात्रियों को परेशानी न हो इसके लिए तेजस एक्सप्रेस के रैक को चलाने की तैयारी की जा रही है। स्थानीय रेल अधिकारियों के अनुसार सेमी हाईस्पीड ट्रेन जब से नई दिल्ली-वाराणसी रूट पर लगाई गई तब से ओवरहालिंग के लिए नहीं भेजी गई। नियम से 18 माह पूरे होने या फिर छह लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के बाद ट्रेन के रैक को वर्कशाप में ओवरहालिंग के लिए भेजना जरूरी होता है। कोरोना काल के चलते ऐसा नहीं हो सका।

ट्रेन की पूरी ओवरहालिंग

वर्कशाप में ट्रेन की बोगी, व्हील, सस्पेंसन सिस्टम आदि को अलग-अलग करके बकायदे उसकी ओवरहालिंग की जाएगी। लाकडाउन 173 दिन तक था। वंदे भारत का ट्रायल रन दो फरवरी 2019 को हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे फरवरी के दूसरे सप्ताह में हरी झंडी दिखाई थी। लाकडाउन के दौरान यह ट्रेन 173 दिन तक बंद रही और 12 सिंतबर 2020 से फिर यह ट्रेन ट्रैक पर लौटी। कैंट स्टेशन से वंदे भारत ट्रेन अपराह्न तीन बजे खुलती है और प्रयागराज, कानपुर सेंट्रल होते हुए रात 11 बजे नई दिल्ली पहुंचती है। बनारस से नई दिल्ली चेयरकार का किराया 1440 रुपये प्रति यात्री तो एग्जिक्यूटिव क्लास का किराया 2925 रुपये है। सप्ताह में सोमवार और गुरुवार को छोड़ बाकी सभी दिन इस ट्रेन का संचालन होता है।

एक अप्रैल से फिर से लगेगा रैक

कैंट स्टेशन के डायरेक्टर आनंद मोहन ने बताया कि एक अप्रैल से पुन: वंदे भारत के रैक लग जाएंगे। 18 महीने में इस ट्रेन ने छह लाख किलोमीटर की यात्रा तय की है। ऐसे में इसके मेंटेनेंस के लिए यह कदम उठाया गया है। बताया कि वंदे भारत का सिर्फ एक रैक होने से ट्रेन में तेजस का कोच जोडऩे का निर्णय लिया गया है।