आइएमएस के प्रस्ताव की गहन समीक्षा करेगी गवर्निग बॉडी
वाराणसी : बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान को एम्स जैसी सुविधा प्रदान करने के लिए आइएमएस के प्रस्ताव पर बीएचयू की गवर्निग बाडी सघन समीक्षा करेगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी :
बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान को एम्स जैसी सुविधा प्रदान करने के लिए बने प्रस्ताव की अब गवर्निग बॉडी पूरी गहनता से समीक्षा करेगी। इसके चेयरमैन इस प्रस्ताव से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। चेयरमैन एवं नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पॉल ने बातचीत में बताया कि सभी सदस्यों को निर्देश दिया गया है कि वे हस्तांतरण की रूपरेखा पर पूरी गंभीरता से जांच करें। साथ ही उन्होंने सभी से प्रस्ताव को विकसित करने को भी कहा।
डा. पॉल ने बताया कि सदस्यों से और बेहतर प्लान भी मांगा गया है। ताकि आगे का रास्ता बनाया जा सके। मालूम हो कि आइएमएस को एम्स के जैसी सुविधा मुहैया कराने के लिए बनी गवर्निग बॉडी की यह पहली बैठक थी। इसमें प्रधानमंत्री की ओर से नामित दो सदस्य वाराणसी के पूर्व डीएम सौरभ चंद्रा व रंजन द्विवेदी भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में कुलपति प्रो. राकेश भटनागर के साथ ही आएमएस निदेशक, तीनों संकायों के प्रमुख व नर्सिग कालेज की प्रतिनिधि ने भी भाग लिया।
बैठक में यहां पर बढ़ने वाली सुविधाओं एवं संसाधन को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने चर्चा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा है कि पूर्वाचल, बिहार सहित कई राज्यों के मरीजों को बेहतर व मुफ्त में चिकित्सा सेवा मिले। इसको लेकर सरकार इतनी बड़ी राशि मुहैया कराने को तैयार हुई है। हालांकि अब देखना होगा कि प्रशासन कितनी ईमानदारी व कड़ाई से इस व्यवस्था को लागू कराता है। इसके तहत बीएचयू के अस्पताल को हर साल प्रति बेड करीब 20 लाख रुपये मिलने हैं। मौजूदा समय में यह राशि मात्र दो लाख रुपये प्रति बेड ही है। यानी आगामी समय में अस्पताल को प्रति वर्ष करीब 500 करोड़ रुपये सिर्फ मरीजों के उपचार, दवा, जांच, आपरेशन आदि में आने वाले खर्च के लिए मिलने वाले हैं। इसके अलावा तीन साल में 5000 करोड़ राशि उपकरण एवं अन्य बुनियादी ढांचे के लिए मिलनी वाली है।