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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में इस बार प्रभावी साबित नहीं हो रहे हैं पीएम शहबाज शरीफ: रिपोर्ट

Pakistan News वर्तमान स्थिति ने पहले की तरह की निराशा पैदा कर दी है। डालर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की गिरावट पर सरकार लगाम नहीं लगा पाई है और इससे अर्थव्यवस्था एवं बाजार पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

By Ashisha Singh RajputEdited By: Updated: Sun, 11 Sep 2022 11:23 PM (IST)
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सरकारी विभागों की सेवाएं राजधानी क्षेत्र में ही सिमट कर रह गई हैं।

इस्लामाबाद, एजेंसी। पूर्व में अपने शासन-प्रशासन कौशल के लिए मशहूर रह चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस बार प्रभावी साबित नहीं हो रहे हैं। दि न्यूज समाचार पत्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, शहबाज के प्रदर्शन की आलोचना तो कर ही रहे हैं, वर्तमान सत्ताधारी गठबंधन और उससे जुड़े लोग भी प्रधानमंत्री का प्रदर्शन देख चकित हैं।

सरकारी विभागों की सेवाएं राजधानी क्षेत्र में ही सिमट कर रह गई हैं। वर्तमान स्थिति ने पहले की तरह की निराशा पैदा कर दी है। डालर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की गिरावट पर सरकार लगाम नहीं लगा पाई है और इससे अर्थव्यवस्था एवं बाजार पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

पंजाब का मुख्यमंत्री रहते हुए शहबाज ने नौकरशाही पर अंकुश रखा था, लेकिन केंद्र में चीजें उनके नियंत्रण में नहीं हैं। शहबाज के एक करीबी ने कहा कि प्रधानमंत्री का ध्यान अर्थव्यवस्था पर है, लेकिन इसका भी प्रबंधन नहीं हो पा रहा है।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने कहा

पाकिस्तान में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की मांग करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह जेल जाने से नहीं डरते हैं और अगर सरकार देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में विफल रही तो वह देश में जबरन चुनाव कराएंगे।

पाकिस्तान का स्थानीय मीडिया आउटलेट द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि पूर्व पीएम अपनी पार्टी के इंसाफ स्टूडेंट फेडरेशन एंड यूथ को शनिवार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सरकार पर निशाना साधते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की अपनी मांग दोहराई।