नई दिल्ली, संदीप राजवाड़े। बीते हफ्ते उज्बेकिस्तान में खांसी की सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया। वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नोएडा स्थित एक भारतीय कंपनी की सिरप पीने के बाद बच्चों की स्थिति बिगड़ी और मौत हुई। दूसरी और उज्बेकिस्तान मीडिया का कहना है कि इस सिरप के अधिक डोज और बिना डॉक्टरी सलाह के उपयोग करने से बच्चों की जान गई। इसे लेकर केंद्र सरकार जांच व कार्रवाई कर रही है। इस मामले में देश के कई बड़े विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि यह दावा सही है कि बिना डॉक्टरी जांच-सलाह के मनमाने तरीके और अधिक डोज लेने से जान जा सकती है। भारत में भी ऐसे साइड इफेक्ट के केस सामने आ रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि भूलकर भी बच्चों को सर्दी-खांसी की दवा बिना डॉक्टरी सलाह-प्रिस्क्रिप्शन के न दें। सही जानकारी-डोज पता नहीं होने से सांस की नली तक बंद हो सकती है। यह सावधानी सिर्फ बच्चों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हर उम्र के लोगों को दवा अपनी मर्जी व दुकानदार की सलाह पर लेने से बचना चाहिए। पुरानी बीमारियों से परेशान कुछ मरीजों को पैरासिटामोल- पेन किलर दवाओं से की मात्रा अधिक लेने से किडनी फेल तक की घटना हो सकती है। इसके साथ ही अन्य बीमारियां व दिक्कतें होती है। इसके साथ ही कुछ मेडिकल स्टडी में पाया गया है कि ज्यादा एंटीबायोटिक के सेवन से बैक्टीरियल संक्रमण में दवाइयां असर नहीं कर रही हैं, यहां तक कि याददाश्त भी कमजोर हो रही है।

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