नई दिल्ली। संदीप राजवाड़े। केंद्रीय बजट में देश के 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ नर्सिंग कॉलेज खोलने की घोषणा देश में नर्सिंग सेवा में सुधार की दिशा में बड़ी पहल है। इन नर्सिंग कॉलेजों में हर साल 15700 नर्सें तैयार होंगी जिन्हें आधुनिक तकनीक की भी जानकारी होगी। विशेषज्ञों और राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों का कहना है कि इसका सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में मिलेगा। वहां स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। स्किल्ड नर्सों को रोजगार के भी अच्छे अवसर उपलब्ध होंगे। नर्स फेडरेशन और संगठनों का कहना है कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज खुलने से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र भी कम फीस में अच्छे नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाई कर पाएंगे। साथ ही, 2-4 कमरों में चल रहे निजी नर्सिंग कॉलेजों की तुलना में उन्हें तकनीकी रूप से अच्छी ट्रेनिंग मिलेगी। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि नर्सों को मिल रही कम सैलरी और रोजगार की कमी जैसी विसंगति को सुधारना सबसे बड़ी चुनौती है। इसे लेकर नई योजनाएं बनानी होंगी।

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