नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। सात अक्टूबर को हमास के ताबड़तोड़ हमलों ने इजरायल को दहला कर रख दिया। दुनिया की सबसे मुस्तैद और अभेद्य मानी जाने वाली एजेंसी मोसाद और इजरायल डिफेंस फोर्सेज को इन हमलों की भनक तक नहीं लगी। हमास ने इजरायली वायु रक्षा प्रणाली को ध्वस्त करने के इरादे से हजारों रॉकेट दागे। इससे जमीनी बलों को इजरायल की इलेक्ट्रॉनिक सीमा अलार्म प्रणाली को बेअसर करने, सीमा चौकियों के माध्यम से अपना रास्ता बनाने, इलेक्ट्रॉनिक बाधाओं/बाड़ को निष्क्रिय करने और इच्छित लक्ष्य के ऊपर मंडरा रहे मोटर चालित ग्लाइडर से प्रमुख शहरों में प्रवेश करने के लिए महत्वपूर्ण समय मिल गया। कुछ रिपोर्टों में इस बात का दावा भी किया जा रहा है कि समुद्र के रास्ते घुसपैठ की गई है। पर इन सब हमलों ने इजरायल की सुरक्षा, खुफिया तंत्र पर सवालिया निशान खड़े कर दिए।

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