प्रदूषण से निपटने को एयरशेड स्तर की वायु गुणवत्ता प्रबंधन नीति चाहिए, पूरे साल के लिहाज से बनानी होगी ग्रैप के लिए रणनीति
प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। आने वाले दिनों में प्रदूषण की स्थिति गंभीर होगी। हवा में प्रदूषण बढ़ने के दो मुख्य कारण हैं। पहला कारण है कि इस समय हवा की स्पीड बेहद कम है। तापमान में कमी आने के कारण हवा फैल भी नहीं रही है। इसके चलते प्रदूषक तत्व लम्बे समय तक हवा में फंसे रहते हैं।
नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/विवेक तिवारी । प्रदूषण की वजह से दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप की पाबंदिया बढ़ा दी गई हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि ग्रैप प्रदूषण का समाधान नहीं है, बल्कि यह प्रदूषण बढ़ाने में इंसानी योगदान को कम करने के उपाय बताता है। यही वजह है कि प्रदूषण बढ़ने के साथ-साथ ग्रैप का स्तर भी बढ़ता जाता है। हर साल अक्तूबर-नवंबर में दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो जाती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि इसके लिए सिर्फ पराली को दोष नहीं दिया सकता है। हवा में 20 फीसदी से ज्यादा प्रदूषण ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्री, पावर प्लांट और आसपास के शहरों से आता है। जब हमें समस्या मालूम है, इसका माकूल वक्त पता है तो इससे स्थायी तौर पर निपटा कैसे जाए, यह भी तलाशने की आवश्यकता है। जाहिर है कि हमें प्रदूषण पर ही लगाम लगाने के उपाय तलाशने होंगे। दुनिया भर में इसके लिए कई उपाय अपनाए जा रहे हैं। ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने प्रदूषण से जंग जीती है। चीन ने भी इसे काबू करने के लिए कई कदम उठाए हैं जिसके सकारात्मक प्रभाव सामने आए हैं।