दिमाग की सेहत बिगाड़ रहा बढ़ता वायु प्रदूषण, बढ़ रहा कई बीमारियों का खतरा
धूम्रपान की तरह ही वायु प्रदूषण भी ब्रेन स्ट्रोक के एक बड़े कारण के तौर पर उभरा है। लैंसेट में छपे एक अध्ययन के मुताबिक बढ़ता वायु प्रदूषण ब्रेन स्ट्रोक का बड़ा कारण बन रहा है। अध्ययन में पाया गया कि प्रदूषण में ज्यादा समय तक रहने से मस्तिष्क और इसे ढंकने वाले ऊतकों के बीच रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं। इससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
नई दिल्ली, जागरण प्राइम । अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं और आपको लगता है कि आप ब्रेन स्ट्रोक जैसी बीमारी से बचे रहेंगे, तो थोड़ा सावधान हो जाइये। हाल ही लैंसेट में छपे एक अध्ययन में सामने आया है कि बढ़ता वायु प्रदूषण धूम्रपान की तरह ही ब्रेन स्ट्रोक का बड़ा कारण बन रहा है। अध्ययन में पाया गया कि प्रदूषित वायु में ज्यादा समय तक रहने से मस्तिष्क और इसे ढंकने वाले ऊतकों के बीच रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं। इससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन के मुताबिक 1990 से 2021 के बीच, दुनिया भर में ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में 70 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। वहीं स्ट्रोक से मरने वालों की संख्या 44 फीसदी तक बढ़ी है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि 2021 में 84% मामलों में ब्रेन स्ट्रोक का प्रमुख कारण वायु प्रदूषण, ज्यादा शारीरिक वजन, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान और नियमित व्यायाम न करना है। ऐसे में इन बातों का ध्यान रख ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में काफी कमी लाई जा सकती है।