विवेक ठाकुर। विगत दस वर्षों में भारत एक बड़े सामाजिक और आर्थिक बदलाव के दौर से गुजरा है। इसने देश को एक सक्षम राष्ट्र की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। अयोध्या में राम मंदिर के माध्यम से भारतीय संस्कृति की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत यह बदलता समयचक्र भारत का होने वाला है।

रामराज्य की संकल्पना को आत्मार्पित करने के साथ मोदी सरकार ने देश में कई जनकल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित किया है, जिसके परिणामस्वरूप बीते एक दशक में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। यह महज आंकड़ा नहीं है, बल्कि 25 करोड़ गरीबों के सशक्त होने की गारंटी है। नीति आयोग का कहना है कि अब पांच प्रतिशत गरीब ही बचे हैं। यह भारत की सामर्थ्य का सबसे बड़ा प्रतीक है।

प्रधानमंत्री मोदी मानते हैं कि देश में सिर्फ चार जातियां गरीब, युवा, किसान और नारी शक्ति हैं। इन्हें सशक्त और समृद्ध बनाने का प्रयास जारी है। एक आंकड़े के अनुसार आज देश में लगभग 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ चुकी हैं। स्वयं सहायता समूहों की इन महिलाओं को मोदी सरकार द्वारा आठ लाख करोड़ रुपये बैंक लोन और 40 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता अब तक प्रदान की जा चुकी है।

चार करोड़ 10 लाख गरीब परिवारों को पक्का घर मिला है। एक समय पूर्ववर्ती सरकारों में गरीबों-वंचितों की कहीं सुनवाई तक नहीं होती थी, लेकिन मोदी सरकार में सभी स्वाभिमान के साथ जीवन-यापन कर रहे हैं। एससी-एसटी और वंचितों को उनका खोया आत्मसम्मान मोदी की सरकार में मिला है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से दस करोड़ से अधिक माताओं-बहनों को नया जीवन मिला है। किसानों को सम्मान निधि देकर उन्हें संबल प्रदान किया जा रहा है।

भारत का प्रत्येक व्यक्ति सशक्त और समृद्ध हो, यह प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी है, जिसकी चर्चा पूरे देश में है। सच पूछिए तो मोदी की गारंटी देश की तकदीर और तस्वीर बदल रही है। यही वजह है कि तीसरी बार भी देशवासियों के मन में मोदी जी रमते हुए नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी नीति और नीयत से समाज के अंतिम जन को विकास की मुख्यधारा से जोड़ दिया है। इसी का परिणाम है कि देश में गरीबी तेजी से कम हो रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का मंत्र देकर देश को एक नया सोच प्रदान किया है। इस सोच में तुष्टीकरण और जातिवाद का कोई स्थान नहीं है। सामाजिक न्याय की इस नई परिभाषा को देश ने समय-समय पर स्वीकार किया है। संविधान निर्माताओं ने जिस समतामूलक समाज और जन-जन के कल्याण के लिए अलख जगाई थी, उसे जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने का कार्य मोदी सरकार में हो रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी भारत और भारतीयता के ध्वजवाहक हैं। वह देश की अस्मिता और सम्मान को वैश्विक फलक पर नया आयाम दिला रहे हैं। केंद्र की सत्ता में प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता को बढ़ावा मिला है। आज देश के हर जरूरतमंद नागरिक को सरकारी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। बेघरों को घर, गरीबों को राशन और मुफ्त उपचार मिल रहा है। बेहतर सुविधाएं मिलने के साथ भ्रष्टाचार पर अकुंश भी लगा है। सीधे बैंक खातों में लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं की राशि पहुंच रही है। युवाओं के सपनों को पंख लगे हैं और महिलाओं को उनके अधिकार मिल रहे हैं।

एक समय अटल बिहारी वाजपेयी ने सुशासन का जो सपना देखा था, वह आज फलीभूत हो रहा है। यही वजह है कि समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूती मिल रही है। अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के साथ देश के सांस्कृतिक गौरव का भी पुनरुत्थान हो रहा है। काशी-तमिल संगमम् का आयोजन उत्तर-दक्षिण की संस्कृति और संस्कार को समरसता प्रदान कर रहा है।

चंद्रयान-3 की सफलता, जी-20 का सफल आयोजन संपन्न कराकर दुनिया को भारत ने यह संदेश दिया कि वह आज विश्वगुरु बनने की क्षमता रखता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश को नया संसद भवन भी मिला। नया संसद भवन नई उम्मीदों और आकांक्षाओं का प्रतीक है। आत्मनिर्भर भारत और स्वाभिमानी भारत की नींव इसी नए संसद भवन से रखी जानी है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू कर मोदी सरकार ने आधी आबादी को भी पूरा हक प्रदान किया। मातृ शक्ति के ऋणी हम सभी हैं और देश को विकसित और समृद्ध बनाने में उनकी भी महती और अग्रणी भूमिका रहने वाली है।

न्याय, बंधुत्व और समतावादी दृष्टिकोण अब संविधान में उल्लिखित पवित्र शब्द मात्र नहीं रह गए हैं। देश के लोगों को इनके वास्तविक अर्थों से परिचित कराने का काम मोदी सरकार ने किया है। वास्तव में मोदी सरकार का पहला और दूसरा कार्यकाल देश में अभूतपूर्व परिवर्तन लाने तथा गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने वाला रहा है। इसी के साथ वर्षों से लंबित राष्ट्रीय महत्व के विषयों को सुलझाने वाला भी रहा है।

लोगों को स्पष्ट दिख रहा कि भारत का भविष्य और विकसित राष्ट्र का सपना मोदी की गारंटी के बगैर संभव नहीं है। देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना मोदी जी के तीसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी गारंटी है। वह अगले पांच साल के कार्यकाल के विजन को स्पष्टता के साथ देश के सामने रख रहे हैं। इससे यह आस जगी है कि उनके नेतृत्व में देश आत्मनिर्भर हो जाएगा। यही वजह है कि देश की जनता भी मोदी जी के तीसरे कार्यकाल को लेकर उत्साहित है और उसका बेसब्री से इंतजार कर रही है।

(लेखक भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं)