समग्र शिक्षा लक्जरी नहीं आवश्यकता है, अकादमिक और उद्योग के बीच मजबूत सेतु बनाना शिक्षण संस्थान का कर्तव्य
रायचौधरी के अनुसार एक महत्वपूर्ण परिवर्तन महिलाओं की उच्च शिक्षा में बढ़ती भागीदारी है। हाल की AISHE की रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाली छात्राओं की संख्या 2.07 करोड़ हो गई जो कुल नामांकन का 48% है। पिछले दो दशकों में यह एक अहम बदलाव है जिससे वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है।
निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में एक अशोका यूनिवर्सिटी के कुलपति सोमक रायचौधरी का मानना है कि पिछले दो दशक में उच्च शिक्षा को नया आकार मिला है। दूर-दराज के क्षेत्रों में संस्थान खुलने से हर पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा में पहुंच बढ़ रही है। शायद यही कारण है कि उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों में 48% महिलाएं हो गई हैं। उनका कहना है कि छात्र आज ऐसी शिक्षा की तलाश में हैं जो उन्हें तेजी से बदलते जॉब मार्केट के लिए तैयार करे। अकादमिक और उद्योग के बीच मजबूत सेतु बनाना शिक्षण संस्थान का कर्तव्य है। प्रो. रायचौधरी से बात की जागरण प्राइम के एस.के. सिंह ने। मुख्य अंशः-