नई दिल्ली, स्कन्द विवेक धर। ओवर दि टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म ने हमारे घरों में तेजी से अपनी जगह तो बना ली है, लेकिन अपनी जिम्मेदारियों से ये अब तक मुंह मोड़े बैठे हैं। इंटरनेट की आजादी के बहाने ये प्लेटफॉर्म समाज की भलाई के लिए बने भारतीय कानूनों को अंगूठा दिखा रहे हैं। तंबाकू रोधी कोटपा कानून के दायरे से बाहर होने के चलते ये स्मोकिंग और ड्रग्स को तो ग्लैमराइज कर ही रहे हैं, सेंसर बोर्ड के दायरे से बाहर होने का फायदा उठाते हुए ये अत्यधिक हिंसा और अश्लीलता भी परोस रहे हैं।

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