क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा, मेक इन इंडिया से जुड़े सेक्टरों में नौकरियों के काफी मौके बनेंगे, एआई में नौकरियां फिलहाल सीमित
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ-साथ साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में लोगों की मांग होगी। इससे भारत में युवा आईटी पेशेवरों को रिमोट वर्किंग ऑनसाइट काम करने के मौके मिल सकते हैं। सिद्धार्थ कहते हैं कि कई ऐसे नए रोल बन रहे हैं जिनमें आईटी उद्योग में अधिक नौकरियों के अवसर मिलने की उम्मीद है। क्लाउड कंप्यूटिंग में ज्ञान आवश्यक होगा क्योंकि यूरोपीय कंपनियां अपने डिजिटल परिवर्तन की गति बढ़ा रही हैं।
नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। भारतीय आईटी उद्योग उम्मीद कर रहा है कि अंतरराष्ट्रीय ग्राहक जल्द ही अपना प्रौद्योगिकी बजट बढ़ाना शुरू कर देंगे क्योंकि यूरोप और अमेरिका ने ब्याज दरें कम करना शुरू कर दिया है। ऐसे में आईटी इंडस्ट्री में हायरिंग को लेकर सकारात्मकता आई है। 250 अरब डॉलर के भारतीय आउटसोर्सिंग उद्योग के लिए यूरोप और अमेरिका प्रमुख बाजार हैं। अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि इनोवेशन को लेकर बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की बढ़ती मांग, क्लाउड ट्रांसफॉर्मेशन, साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशंस और लगातार लागत में कटौती के दबाव से आउटसोर्सिंग को फायदा होगा। ऐसे में जॉब मार्केट में नए सेक्टर में मौके बढ़ेंगे। फिलहाल अगले क्वॉर्टर में नौकरियां बेहतर होने का अनुमान इंडस्ट्री लगा रही है। हालांकि एक्सपर्ट कहते हैं कि एआई में अधिक तकनीकी नौकरियां नहीं बनेंगी। आईटी प्रोफेशनल्स के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सिक्योरिटी में मौके बढ़ेंगे। वहीं विशेषज्ञ मानते हैं कि आईटी सेक्टर में अगर लगातार नौकरियां बढ़ानी हैं तो यूरोप और यूएस पर निर्भरता कम करनी होगी।