सर्विस सेक्टर के कर्मचारियों के इमिग्रेशन में पढ़ाई और कमाई की शर्तें होंगी ढीली, जल्दी मिलेगा वीजा, फीस भी घटेगी
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ हुए व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) 2022 ने भारत के लिए कई रास्ते खोल दिए हैं। यह मोदी सरकार का तीसरा प्रमुख व्यापार सौदा है। टीईपीए की खास बात ये है कि इसमें ट्रेड के साथ इमिग्रेशन को भी जगह मिली है। इससे सेवा क्षेत्र के पेशेवरों का इन देशों में आना-जाना आसान हो जाएगा।
स्कन्द विवेक धर, एस.के. सिंह, नई दिल्ली। चार देशों के यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ हुए व्यापार समझौते ने भारत के लिए यूरोप में संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। यूरोपियन यूनियन के बाजारों में भारतीय कंपनियों के लिए पैठ बनाना आसान हो गया है। इस समझौते में इमिग्रेशन आसान बनाने की भारत की सबसे महत्वपूर्ण मांग को भी मान लिया गया है। इसी मांग को लेकर यूरोपियन यूनियन और यूके के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है। विश्लेषकों की मानें तो यूके और ईयू के साथ जल्द एफटीए की संभावनाएं बढ़ गई हैं।