नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/विवेक तिवारी।  यातायात, उद्योग और अन्य कारणों से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण प्रति वर्ष तीन मिलियन से अधिक लोग असामयिक मृत्यु का शिकार हो रहे हैं। विश्व स्तर पर यह मलेरिया और एचआईवी/एड्स से मरने वालों की कुल संख्या से भी अधिक है।

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