भारत के लिए अहम कृषि और फिशरीज सब्सिडी पर बातचीत जारी रहेगी, विकसित देशों का रवैया बना अड़चन
तय शेड्यूल से एक दिन ज्यादा चली बैठक जिसमें 100 से ज्यादा देशों के विदेश व्यापार मंत्रियों ने भाग लिया में सहमति सिर्फ इस बात पर हुई कि विवाद वाले सभी मुद्दों पर बातचीत जारी रहे। एक मात्र उपलब्धि सर्विसेज के व्यापार पर कही जा सकती है जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार की लागत 125 अरब डॉलर कम होगी।
एस.के. सिंह, नई दिल्ली। ऐसा कम ही होता है कि वैश्विक संगठन की बैठक में हर महत्वपूर्ण मुद्दे पर बातचीत बेनतीजा रही हो। हर दो साल बाद होने वाले विश्व व्यापार संगठन के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में इस बार कुछ ऐसा ही हुआ। कृषि सब्सिडी, फिशरीज सब्सिडी, ई-कॉमर्स जैसे मुद्दे भारत के लिए काफी मायने रखते हैं, लेकिन इन पर एक राय नहीं बन सकी। डिस्प्यूट सेटलमेंट बॉडी में जजों की नियुक्ति और निवेश के मसले पर भी तमाम देश किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके। तय शेड्यूल से एक दिन ज्यादा चली बैठक (26 फरवरी से 1 मार्च), जिसमें 100 से ज्यादा देशों के विदेश व्यापार मंत्रियों ने भाग लिया, में सहमति सिर्फ इस बात पर हुई कि विवाद वाले सभी मुद्दों पर बातचीत जारी रहे। एक मात्र उपलब्धि सर्विसेज के व्यापार पर कही जा सकती है, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार की लागत 125 अरब डॉलर कम होगी।