यह चिंताजनक है कि विमानों में बम रखे जाने की झूठी सूचना देने वाले बेलगाम दिख रहे हैं। लगातार तीसरे दिन जिस तरह विमानों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई, उससे यही साबित होता है कि ऐसा करने वालों का दुस्साहस बढ़ा हुआ है। यह सामान्य बात नहीं कि बीते तीन दिनों में डेढ़ दर्जन से अधिक विमानों में बम रखे होने की सूचना देकर विमान कंपनियों, यात्रियों और सुरक्षा एजेंसियों के सामने संकट खड़ा किया गया। इनमें से कई विमान अंतरराष्ट्रीय उड़ान पर थे। जब किसी विमान में बम रखे जाने की सूचना दी जाती है, तब उसे तुरंत निकटवर्ती हवाईअड्डे पर उतार कर इसलिए गहन जांच की जाती है कि कहीं धमकी सही न हो। इसके चलते विमानों का संचालन तो प्रभावित होता ही है, हवाई यात्रा को लेकर लोगों के मन में आशंका भी उपजती है।

इसके अलावा विमान यात्रियों को समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचने में देर भी होती है। स्पष्ट है कि इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लेना होगा। यह मानने के अच्छे-भले कारण हैं कि एक के बाद एक विमानों में बम रखे जाने की झूठी सूचना देने का सिलसिला इसीलिए कायम है, क्योंकि ऐसी सूचनाएं देने वालों पर शिकंजा नहीं कसा जा पा रहा है। चूंकि विमानों को उड़ाने की धमकी देने के मामले में छत्तीसगढ़ से एक संदिग्ध को हिरासत में लेने के बाद भी ऐसी और धमकियां सामने आईं, इसलिए यह स्पष्ट है कि यह किसी एक अपराधी का काम नहीं।

समझना कठिन है कि ईमेल या फिर किसी सोशल नेटवर्क साइट के जरिये विमान में बम रखे जाने की सूचना देकर अफरातफरी पैदा करने वाले तत्वों तक पहुंचने में कठिनाई क्यों हो रही है? क्या भारत के पास वैसे उपाय नहीं, जिनसे ऐसे तत्वों तक आसानी से पहुंचा जा सके? झूठी सूचनाएं देकर विमान सेवाओं के संचालन को बाधित करना एक गंभीर साइबर अपराध है। यह ठीक नहीं कि हमारी एजेंसियां किस्म-किस्म के साइबर अपराधों से सही तरह से नहीं निपट पा रही हैं। हैरानी नहीं कि इसीलिए उनका दुस्साहस बढ़ता जा रहा है। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि कुछ समय पहले स्कूलों, अस्पतालों, संग्रहालयों आदि में बम रखे जाने की झूठी सूचनाएं देकर लोगों और साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को त्रस्त किया गया था। इन सब मामलों की जांच तो की गई, लेकिन शायद ही किसी मामले में धमकी देने वालों की पहचान और पकड़ की जा सकी हो। हैरानी नहीं कि यही तत्व अब विमानों को निशाना बना रहे हों। जो भी हो, हमारी एजेंसियों को हर हाल में उन तक पहुंचना होगा, जो लोगों को भयभीत करने के साथ देश के सुरक्षा परिदृश्य को खराब दिखाने का काम कर रहे हैं। ऐसे तत्वों को सबक नहीं सिखाया गया तो यहां-वहां बम रखने की झूठी सूचनाओं से छुटकारा मिलने वाला नहीं है।