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फेज: 7
चुनाव तारीख: 1 जून 2024
काराकाट संसदीय क्षेत्र 2009 में अस्तित्व में आया। यह क्षेत्र चावल उत्पादन के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में लगभग 400 राइस मिलें हैं। इसके पूर्व यह बिक्रमगंज लोकसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। इस संसदीय सीट में भोजपुर के पीरो के अलावा रोहतास का काराकाट, बिक्रमगंज, नोखा, दिनारा व डेहरी विधान सभा शामिल थे। लेकिन नए परिसीमन के बाद बिक्रमगंज की जगह काराकाट लोकसभा क्षेत्र का गठन हुआ, जिसमें रोहतास जिला का नोखा, डेहरी व काराकाट तथा औरंगाबाद जिला का गोह, ओबरा व नवीनगर विधानसभा क्षेत्र शामिल किया गया। इस क्षेत्र से पहले सांसद के रूप में जदयू के महाबली सिंह निर्वाचित हुए। 2014 के चुनाव में एनडीए के घटक रहे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने राजद प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह को शिकस्त देकर जीत दर्ज की। 2019 में जदयू के महाबलि कुशवाह ने रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा को शिकस्त दी। जब बिक्रमगंज लोकसभा क्षेत्र था तो यहां का प्रतिनिधित्व बिहार सहकारिता सम्राट के नाम से जाने जाने वाले तपेश्वर सिंह, उनके पुत्र अजित कुमार सिंह व उनकी पुत्रवधू मीना सिंह कर चुकी हैं। डेमोग्राफी और घटनाएं इस सीट के तहत आने वाले कुल मतदाताओं की संख्या 1626868 और आबादी 24,89,118 है। यहां की साक्षरता दर 73.33 प्रतिशत है। पिछले 5 वर्षों में यहां कई बड़ी घटनाएं हुई। इनमें डेहरी विधान सभा क्षेत्र से राजद विधायक रहे मो. इलियास हुसैन को अलकतरा घोटाले में सजा, डेहरी, नोखा व बिक्रमगंज में रामनमी तथा जन्माष्टमी जुलूस में पथराव के बाद उपद्रवी तत्वों ने सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश आदि शामिल हैं। विकास और स्थानीय मुद्दे इस क्षेत्र में 2007 में तत्कालीन रेलमंत्री रहे लालू प्रसाद द्वारा रेल वैगन मरम्मत कारखाना का शिलान्यास किए जाने के बाद भी उसे बजटीय प्रावधान में नहीं लाया गया था। हालांकिगत चार वर्षों में इस रेल कारखाना के निर्माण की गति तेज की गई। चावल उत्पादन के लिए कई ऑटोमेटिक राइस प्लांट लगे हैं। डालमिया सीमेंट फैक्ट्री का निर्माण भी हुआ। हालांकि अकोढ़ीगोला में निजी कंपनी जेवीएल द्वारा मेगा फूड पार्क निर्माण कार्य ठप पड़ गया है। निजी विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज में स्नातकोत्तर तक की पढ़ाईगत पांच वर्षों में शुरू हुई।इस क्षेत्र में धान की खेती वृहद पैमाने पर होने के कारण राइस प्लांट ने उद्योग का रूप ले लिया। पहाड़ पर उत्खनन कार्य बंद होने से लगभग चार सौ क्रशर प्लांट की अनुज्ञप्ति समाप्त कर दी गई। इस मुद्दे को सड़क से ले सदन तक उठाने का काम राजनीतिक दल के प्रतिनिधि करते रहते हैं। काराकाट की खास बातें काराकाट लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र बिहार राज्य के 40 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र 2002 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद अस्तित्व में आया। इस लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र समाहित हैं। 2009 में यहां पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचन संपन्न हुआ। यह क्षेत्र रोहतास जिले का हिस्सा है। यहां के धार्मिक स्थलों में शिव मंदिर, महादेव स्थान प्रमुख हैं। यहां से कुछ दूरी पर शेरशाह सूरी का किला भी है। यह क्षेत्र प्रदेश की राजधानी पटना से करीब 126 किलोमीटर दूर है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से इस क्षेत्र की दूरी 980 किलोमीटर है।
काराकाट, बिहार के विजेता
- पार्टी :जनता दल-यूनाइटेड
- प्राप्त वोट :398408
- वोट %49
- पुरुष मतदाता937378
- महिला मतदाता833819
- कुल मतदाता1771254
- निकटतम प्रतिद्वंद्वी
- पार्टी
- प्राप्त वोट313866
- हार का अंतर84542
राजनीतिनामा
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