एस.के. सिंह, नई दिल्ली। मिस्र के शर्म-अल-शेख में आयोजित जलवायु सम्मेलन COP27 ऐतिहासिक बन गया। ऐतिहासिक इसलिए क्योंकि विकासशील और गरीब देश जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 30 वर्षों से जिस फंड की मांग कर रहे थे, उस पर आखिरकार सहमति बन गई। विकसित देश उन गरीब देशों के लिए अलग लॉस एंड डैमेज फंड बनाने पर राजी हुए जिन्हें इन अमीर देशों के कार्बन उत्सर्जन का नतीजा भुगतना पड़ रहा है। हाल के वर्षों में भीषण बाढ़, सूखा, हीटवेव, अकाल और तूफान जैसी आपदाओं का सामना ये देश बहुत अधिक कर रहे हैं, जबकि जलवायु को प्रदूषित करने में इन देशों का योगदान बहुत कम है।

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