उत्पादकता बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन का असर कम करने और फूड प्रोसेसिंग पर फोकस से बढ़ेगी किसानों की आय
विशेषज्ञों के अनुसार किसानों की आय बढ़ाने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि उनकी लागत कम हो और उत्पादकता बढ़े। प्रिसीजन खेती बेहतर सिंचाई व्यवस्था ज्यादा पैदावार वाले और रोग-रोधी बीज जैसे उपाय उत्पादकता बढ़ा सकते हैं। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए सूखा-रोधी फसलें तैयार करने जल संरक्षण और मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने जैसी सस्टेनेबल खेती को बढ़ावा देना पड़ेगा। इससे खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी।
एस.के. सिंह, नई दिल्ली। ‘एग्रीकल्चरल स्टैटिस्टिक्स एट ए ग्लांस 2022’ में 2011 की आखिरी जनगणना के हवाले से बताया गया है कि देश की 68.9% आबादी ग्रामीण है और कुल श्रमिकों में 54.6% कृषि क्षेत्र में हैं। भारत के समावेशी विकास में ग्रामीण और कृषि क्षेत्र की अहमियत का अंदाजा इन तथ्यों से मिलता है। इसलिए ग्रामीण आबादी, खास कर किसानों को शामिल किए बगैर विकास समावेशी नहीं हो सकता है। वर्ल्ड बैंक के अनुसार, गरीबी दूर करने और साझी संपन्नता के लिए कृषि सबसे शक्तिशाली जरिया है। गरीबों की आमदनी बढ़ाने में अन्य सेक्टर की तुलना में कृषि क्षेत्र दो से चार गुना अधिक सक्षम होता है।