Budget 2024-25: लम्बे समय से खेती के लिए केमिकल युक्त फर्टिलाइजर के इस्तेमाल से खेतों की उपजाऊ शक्ति पर असर पड़ा है। ऐसे में वित्त मंत्री की ओर से बजट में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने का ऐलान एक अच्छा कदम है। दरअसल खाद्यान सुरक्षा और बीमारियों को कम करने के लिए ये आज की जरूरत है। समय के साथ देश की खाद्यान जरूरत को पूरा करने के लिए खेतों पर बोझ बढ़ा है। किसान एक ही खेत से साल में कई फसलें ले रहे हैं। वहीं खेतों में पोषक तत्वों को पूरा करने के लिए अंधाधुंध केमिकल से बने उर्वरकों को इस्तेमाल किया जा रहा है। हमें समझना होगा कि मिट्टी में अगर पोषक तत्व संतुलित मात्रा में नहीं हैं तो ज्यादा उर्वरक डालने से भी पौधों को बहुत ज्यादा फायदा नहीं मिलता है। प्राकृतिक खेती, कृषि का बहुत पुराना तरीका है। इसमें केमिकल युक्त उर्वरक और कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं होता है। वहीं इस तरीके के इस्तेमाल से किसान अपनी उत्पादन लागत को भी कम कर सकते हैं।

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