गणतंत्र दिवस की परेड है भारत की गौरवगाथा, पूरी दुनिया देख रही देश का सामर्थ्य
देश के पहले राष्ट्रपति ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी को अपने पहले भाषण में कहा था कि हमारे गणतंत्र का यह उद्देश्य है कि अपने नागरिकों को न्याय स्वतन्त्रता और समानता प्राप्त कराए तथा इसके विशाल प्रदेशों में बसने वाले तथा भिन्न-भिन्न आचार-विचार वाले लोगों में भाईचारे की अभिवृद्धि हो। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने डा. प्रसाद की कही गई बात को अक्षरश निभाया।
नई दिल्ली । अनुराग मिश्र / विवेक तिवारी । देश के पहले राष्ट्रपति ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी को अपने पहले भाषण में कहा था कि "हमारे गणतंत्र का यह उद्देश्य है कि अपने नागरिकों को न्याय, स्वतन्त्रता और समानता प्राप्त कराए तथा इसके विशाल प्रदेशों में बसने वाले तथा भिन्न-भिन्न आचार-विचार वाले लोगों में भाईचारे की अभिवृद्धि हो। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने डा. प्रसाद की कही गई बात को अक्षरश : निभाया। गणतंत्र दिवस का सबसे बड़ा आकर्षण परेड होती है। अब आठ किलोमीटर की दूरी तय करने वाली और भारत की गौरवगाथा को दर्शाने वाली यह परेड रायसीना हिल से शुरू होकर राजपथ, इंडिया गेट से गुजरती हुई लालकिला पर खत्म होती है लेकिन पहली परेड होने से लेकर यह सिलसिला शुरुआती कुछ सालों में अलग-अलग जगहों पर हुआ। कभी इर्विन स्टेडियम, किंग्सवे कैंप, लाल किला तो कभी रामलीला मैदान में आयोजित हुआ लेकिन इसकी रौनक हमेशा वैसी ही जगमग रही जैसी पहले हुआ करती थी।