प्राइम टीम, नई दिल्ली। सहारा इंडिया में एक दशक से अधिक समय तक फंसी रहने के बाद इस साल जुलाई से जमा पूंजी वापस लौटने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन, सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय के निधन के बाद जमाकर्ताओं को फिर से चिंता सताने लगी है कि कहीं ये प्रक्रिया भी रुक न जाए। रॉय का लंबी बीमारी से जूझने के बाद 75 साल की उम्र में बीती मंगलवार रात मुंबई में निधन हो गया था।

दरअसल, वर्ष 2011 में पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को करीब 3 करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया। सेबी का कहना था कि दोनों कंपनियों ने नियम और कानूनों का उल्लंघन करके यह धन जुटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा, जिसमें दोनों कंपनियों को निवेशकों का धन 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया गया था। सहारा समूह ने जद्दोजहद के बाद 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि बैंक में जमा करा दी, जो अब बढ़कर 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। 

इसी पैसे को लौटाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 18 जुलाई, 2023 को सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (सीआरसीएस)-सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया था। 

सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा के देहांत से इस रिफंड प्रक्रिया पर क्या कोई असर पड़ेगा, आवेदन कैसे किया जाएगा, कौन से जमाकर्ता इसके पात्र हैं, जैसे बड़े सवालों पर हमने विशेषज्ञों से राय ली। 

क्या सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के देहांत से सहारा रिफंड की प्रक्रिया पर कोई असर पड़ेगा?

नहीं, सरकार के अधिकारियों की दावा है कि चूंकि ये पैसा पहले से ही बाजार नियामक सेबी की निगरानी में बैंक में जमा है, इसलिए सहारा प्रमुख के देहावसान से इस पर फर्क नहीं पड़ेगा। 

सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से रिफंड का दावा करने के लिए कौन पात्र है?

सहारा समूह की सोसायटी के वास्तविक और वैध जमाकर्ता ही सीआरसीएस सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से रिफंड के लिए पात्र हैं। ये समितियां हैं, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड-कोलकाता, सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड-लखनऊ, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड-भोपाल,  स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड-हैदराबाद। 

क्या वे सभी जो लोग जो जिनकी बकाया जमाएं इन समितियों में हैं, वे सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं?

नहीं। पात्रता में कुछ समयसीमा जोड़ी गई हैं। सहाकारिता मंत्रालय के अनुसार, रिफंड का पात्र होने के लिए अलग-अलग सोसायटी में अलग-अलग समय सीमा हैं। जैसे कि हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड में जमा और लेनदारी 22 मार्च 2022 से पहले की होनी चाहिए। जबकि स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में जमा और लेनदारी 29 मार्च, 2023 से पहले की होनी चाहिए। 

क्या जमाकर्ताओं को सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से रिफंड का दावा करने के लिए कोई शुल्क देना होगा?

नहीं। सरकार का कहना है कि रिफंड आवेदन नि:शुल्क है। दावा प्रपत्र दाखिल करने के लिए कोई शुल्क लागू नहीं है।

रिफंड क्लेम करने की आखिरी तारीख क्या है?

सरकार ने रिफंड क्लेम करने के लिए अब तक आखिरी तारीख घोषित नहीं की है। लेकिन अगर आपका पैसा फंसा है तो बिना देरी किए क्लेम दाखिल कर दें। 

क्लेम दाखिल करने के कितने दिनों के भीतर पैसा लौट आएगा?

सरकार का दावा है कि क्लेम दाखिल करने के 45 दिनों के भीतर रिफंड आ जाएगा। हालांकि, कई मामलों में यह इससे भी जल्दी आ गया है। 

सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल का लिंक क्या है?

वेबसाइट का लिंक https://mocrefund.crcs.gov.in/Help है।

सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल पर दावा प्रस्तुत करने के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता है?

पोर्टल पर रिफंड अनुरोध डालने के लिए जमाकर्ता के पास सदस्यता संख्या, जमा खाता संख्या, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर, जमा प्रमाणपत्र/पासबुक और पैन कार्ड (यदि दावा राशि 50,000 रुपये है) होना चाहिए।

क्या सीआरएससी-सहारा रिफंड पोर्टल पर दावा अनुरोध डालने के लिए आधार से जुड़ा बैंक खाता नंबर अनिवार्य है?

हां, आधार से जुड़े बैंक खाते के बिना जमाकर्ता दावा दायर नहीं कर सकता। सरकार का कहना है कि आधार सीडिंग से वास्तविक जमाकर्ता के बैंक खाते में सुरक्षित धन हस्तांतरण की सुविधा मिलेगी।

सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल पर दावा अनुरोध डालने की प्रक्रिया क्या है?

जमाकर्ता के रूप में पंजीकरण करने के लिए, किसी को 12 अंकों की सदस्यता संख्या, आधार संख्या के अंतिम 4 अंक, 10 अंकों का आधार-लिंक्ड मोबाइल नंबर और कैप्चा दर्ज करना होगा। फिर उपयोगकर्ता "गेट ओटीपी" विकल्प पर क्लिक कर सकते हैं और आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज कर सकते हैं और पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। अगले पृष्ठ पर, जमाकर्ताओं को "मैं सहमत हूं" पर क्लिक करके नियम और शर्तों को स्वीकार करना होगा। एक बार सभी दावा विवरण दर्ज हो जाने के बाद, पहले से भरा हुआ दावा अनुरोध फॉर्म तैयार हो जाएगा।

जमाकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फॉर्म तैयार करने से पहले सभी दावे दर्ज किए गए हैं, क्योंकि इसे बाद में बदला या जोड़ा नहीं जा सकता है।

जमाकर्ता को कैसे पता चलेगा कि दावा अनुरोध स्वीकृत है या नहीं?

जमाकर्ता को इस संबंध में एसएमएस/ईमेल के माध्यम से एक अधिसूचना प्राप्त होगी।