नई दिल्ली। हाल के महीनों में बैंकों को भले डिपॉजिट जुटाने में दिक्कत आ रही हो, लेकिन श्रीराम फाइनेंस के एक्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन उमेश रेवांकर का दावा है कि उनके यहां फिक्स्ड डिपॉजिट लगभग 20% की दर से बढ़ रहा है। पैसेंजर व्हीकल लोन की ग्रोथ भी लगभग इतनी ही है। जागरण प्राइम के एस.के. सिंह के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में अनेक छोटी इंडस्ट्री हैं। उनकी जरूरतों के मुताबिक बिजनेस लोन के नए प्रोडक्ट लाए जाएंगे। इसके लिए अभी अध्ययन चल रहा है। विस्तार के सवाल पर उन्होंने बताया कि हर साल 150 से 200 नई शाखाएं खोलने की योजना है। बातचीत के मुख्य अंश-

-बैंकों को डिपॉजिट जुटाने में परेशानी आ रही है क्योंकि दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स में रिटर्न अच्छा मिलने के कारण लोग वहां पैसा लगा रहे हैं। आरबीआई और सरकार ने पिछले दिनों बैंकों से डिपॉजिट जुटाने के लिए इनोवेटिव तरीके अपनाने को कहा। आपको भी फिक्स्ड डिपॉजिट में दिक्कत हो रही है या उसमें ग्रोथ है?

इस समय डिपॉजिट लेने वाली एनबीएफसी करीब 25 ही हैं। उनमें बड़े डिपॉजिट पोर्टफोलियो वाली दो हैं- बजाज फाइनेंस और श्रीराम फाइनेंस। हम दोनों का ब्रांच नेटवर्क काफी बड़ा है इसलिए हमें डिपॉजिट जुटाने में दिक्कत नहीं आ रही है। पहले एचडीएफसी का डिपॉजिट बेस बहुत बड़ा था। एचडीएफसी बैंक में उसके विलय के बाद उनका कुछ डिपॉजिट बेस बजाज फाइनेंस और श्रीराम फाइनेंस में शिफ्ट हुआ है। इस वजह से हमारी ग्रोथ रेट अच्छी है। इसके अलावा, कुछ निवेशक ऐसे होते हैं जो एनबीएफसी में ही डिपॉजिट करना पसंद करते हैं, क्योंकि यहां उन्हें 0.5% ज्यादा ब्याज मिलता है। इसलिए हमें दिक्कत नहीं आ रही है। इसमें करीब 20% ग्रोथ है। पहली तिमाही में गोल्ड लोन थोड़ा धीमा रहा, लेकिन दूसरी तिमाही में इसने फिर गति पकड़ ली है।

-प्री-ओन्ड कार और टू-व्हीलर में लोन की डिमांड कैसी है? इसमें सालाना कितनी ग्रोथ आ रही है?

पैसेंजर व्हीकल में ग्रोथ अच्छी है। इसमें भी 20% की वृद्धि हुई है। टू व्हीलर में भी सालाना आधार पर लगभग इतनी ही ग्रोथ है।

-आरबीआई ने पर्सनल लोन को लेकर कुछ चिंता जताई थी। इस सेगमेंट में आपके एनपीए की क्या स्थिति है?

हमारा एनपीए नहीं बढ़ रहा है। हम पर्सनल लोन पुराने ग्राहकों को ही देते हैं, नए ग्राहकों को नहीं। किसी ने टू व्हीलर लोन लिया और पूरा लोन चुका दिया, तो उसके ट्रैक रिकॉर्ड को देख कर हम प्री-अप्रूव्ड लोन देते हैं।

-कृषि क्षेत्र में आप ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों के लिए लोन देते हैं। इसमें डिमांड कैसी है और ज्यादा डिमांड किस क्षेत्र से आ रही है? इस साल मॉनसून अच्छा है तो उसका कोई असर लोन पर है?

हमारे ट्रैक्टर लोन में वृद्धि पूरे देश में अच्छी है। हालांकि ट्रैक्टर बिक्री देखें तो सालाना आधार पर इसमें ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन हमारा ज्यादातर ट्रैक्टर लोन पुराने ट्रैक्टर के लिए है। उसमें हमें अच्छी ग्रोथ मिल रही है। मानसून अच्छा होने का फायदा यह है कि ग्रामीण इलाकों में लोगों की आय में वृद्धि होती है, उनमें नया लोन लेने की क्षमता बढ़ती है। मुझे उम्मीद है कि अगली छमाही यानी अक्टूबर से नए वाहनों की बिक्री में भी सुधार आएगा।

-पिछले बजट में एमएसएमई पर काफी फोकस किया गया। लेकिन छोटे कारोबारियों की हमेशा शिकायत रहती है कि उन्हें लोन लेने में परेशानी आती है। आपके यहां इस सेगमेंट में क्या स्थिति है और इसे बढ़ाने के लिए क्या करने वाले हैं?

एमएसएमई के लिए बड़ी समस्या अंडर-बैंकिंग की है। उन्हें कर्ज या तो देर से मिलता है या जरूरत से कम मिलता है। इस कारण वहां क्रेडिट गैप रहता है। इस गैप को पूरा करने में एनबीएफसी अहम भूमिका निभा रहे हैं। हर एनबीएफसी का स्पेशलाइजेशन होता है। ऐसा नहीं कि एक एनबीएफसी सभी सेक्टर को लोन देगी। वह देखती है कि किस इलाके में देना है, किसे देना है, कितना कर्ज देना है। हमारा स्पेशलाइजेशन दुकानदारों, ट्रेडिंग कंपनियों और कुटीर उद्योगों को कर्ज देने में है। हमारा ब्रांच नेटवर्क पूरे देश में है। पहले हम दक्षिण भारत में ज्यादा फोकस करते थे, अब हम पूरे देश में अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं। एमएसएमई के लिए कर्ज में काफी अवसर हैं। हम पुराने ग्राहकों की प्रोग्रेस देख कर ही आगे धीरे-धीरे अपना एक्स्पोजर बढ़ाएंगे। नए ग्राहकों को हमारा एक्स्पोजर कम रहता है। जैसे-जैसे कस्टमर आगे बढ़ता है, हम अपना एक्स्पोजर भी बढ़ाते हैं।

-आने वाले समय में आप क्या जोखिम देखते हैं?

बुनियादी तौर पर मुझे कोई रिस्क नजर नहीं आ रहा है। इकोनॉमी अच्छी चल रही है, हमारा एक्स्पोजर भी सही सेगमेंट के बीच है, किसी भी निगेटिव सेगमेंट में हमारा कर्ज नहीं है। सरकार इस समय इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बहुत ध्यान दे रही है। मुझे लगता है कि इसमें सुधार होने पर क्रेडिट की लागत और कम होगी। आप देखिए तो 6 तिमाही से ग्रॉस एनपीए (तिमाही-दर-तिमाही) लगातार कम हो रहा है। आने वाले समय में इसमें और गिरावट की उम्मीद है। मुझे लगता है कि इससे हमारे लिए भी क्रेडिट की लागत 0.2 से 0.25 प्रतिशत कम होगी।

-अमेरिका में लगातार 5 महीने तक महंगाई दर घटने के बाद फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर 0.5% घटाई है। आरबीआई से रेपो रेट में कब तक कटौती की उम्मीद कर रहे हैं? भारत में जुलाई और अगस्त में महंगाई 4% से कम रही है…।

मेरे विचार से रिजर्व बैंक समय लेगा। उसका महंगाई पर ज्यादा ध्यान है। भारत में महंगाई हाल में कम हुई है। लेकिन जब यह 4% से नीचे स्थिर होगी तभी रिजर्व बैंक रेपो रेट घटाएगा। मुझे लगता है कि दिसंबर तक रिजर्व बैंक ब्याज दर कम करेगा। उससे पहले मुश्किल लगता है।

-आगे ग्रोथ के लिए क्या योजना है?

हम जिन क्षेत्रों में मौजूद हैं, उनमें आगे बढ़ने के काफी अवसर हैं। हम उन पर फोकस बढ़ाएंगे। हम खासतौर से बीमा क्षेत्र में ग्रोथ के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं। भारत में बीमा की पहुंच बहुत कम है, यहां बहुत बड़ा अवसर है। बीमा को लेकर लोगों में जागरूकता भी कम है। बीमा पहुंच बढ़ाने के लिए जागरूकता बढ़ाना बहुत जरूरी है। अभी हम अपने नेटवर्क से डिस्ट्रीब्यूशन बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। बीमा के लिए हमारे जो पुराने ग्राहक हैं, जिनके साथ हमारे पहले से संबंध हैं, हम उन पर अधिक फोकस कर रहे हैं। क्योंकि नई रिलेशनशिप बनाना हमेशा खर्चीला होता है। इसलिए हम अपने पुराने ग्राहकों के बीच डिस्ट्रीब्यूशन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।

-अभी ग्रुप बिजनेस में बीमा का कितना हिस्सा है?

हमारा बीमा बिजनेस अभी बहुत छोटा है। लेकिन हमारी दोनों बीमा कंपनियां पहले साल से प्रॉफिट में हैं, क्योंकि हम लोगों की जरूरत के मुताबिक खासतौर से तैयार किए गए प्रोडक्ट ज्यादा बेचते हैं। हम इसमें बहुत आक्रामक तरीका नहीं अपनाते। हमारी जनरल इंश्योरेंस कंपनी का सालाना प्रीमियम 4000 करोड़ रुपये के आसपास पहुंचा है। जीवन बीमा में भी एनुअलाइज्ड प्रीमियम इक्विवैलेंट (एपीई) करीब 1000 करोड़ रुपये है। जीवन बीमा में हम सालाना 30% की दर से बढ़ रहे हैं, जनरल इंश्योरेंस में 15% से अधिक की ग्रोथ है।

-नेटवर्क विस्तार की क्या योजना है? नई शाखाएं कहां खोलेंगे?

अभी हमारी 3095 ब्रांच हैं। हर साल हमारी 150 से 200 नई शाखाएं खोलने की योजना है। इस साल पहली तिमाही में हमने करीब 35 नई शाखाएं खोली हैं। ज्यादातर शाखाएं उत्तर भारत में ही खोली जाएंगी। हम वहां ग्रामीण क्षेत्र में अपने केंद्र बढ़ा रहे हैं। देश भर में हमारे करीब 700 ग्रामीण केंद्र हैं। ज्यादातर ग्रामीण केंद्र उत्तर और मध्य भारत में हैं। भविष्य में इन्हीं केंद्रों को ब्रांच के तौर पर विकसित किया जाएगा।

-इन राज्यों में एमएसएमई के लिए कुछ नया करेंगे?

हम खास तौर से उत्तर प्रदेश और बिहार में कोशिश कर रहे हैं। यहां छोटे आकार की इंडस्ट्री बड़ी संख्या में हैं। उनके लिए हम नई बिजनेस स्ट्रैटजी बनाने में लगे हैं। हालांकि विशेष प्रोडक्ट तैयार करने में 6 से 9 महीने का समय लगेगा, इसलिए हो सकता है कि नए प्रोडक्ट अगले साल लागू किए जाएं।

-कोई नया प्रोडक्ट लाने जा रहे हैं?

मुझे लगता है कि हमारे मौजूदा प्रोडक्ट में ही ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं। इसके अलावा हम जिस क्षेत्र में जाते हैं, पहले वहां के स्थानीय बिजनेस का अध्ययन करते हैं, उनकी जरूरत के मुताबिक प्रोडक्ट डेवलप करने की कोशिश करते हैं। उत्तर प्रदेश काफी बड़ा राज्य है। यहां अलग-अलग क्षेत्रों में अलग तरह की इंडस्ट्री हैं। हम उनके लिए कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं। हम यहां बिजनेस लोन के तौर पर कई प्रोडक्ट लॉन्च करेंगे।

-इसका कोई उदाहरण दे सकते हैं?

अभी डेयरी इंडस्ट्री के लिए हमारे पास कोई प्रोडक्ट नहीं है। इसी तरह लेदर इंडस्ट्री है, मुरादाबाद की ब्रास इंडस्ट्री है। ये इंडस्ट्री आमतौर पर पारंपरिक फाइनेंसिंग अपनाती हैं और स्थानीय फाइनेंसर से पैसे लेती हैं। हम उनका अध्ययन करके देखेंगे कि उनकी जरूरत कैसे पूरी की जा सकती है। ये प्रोडक्ट क्षेत्र विशेष के लिए होंगे, पूरे देश के लिए नहीं।

-सरकार ने श्वेत क्रांति-2 लांच किया है। इसमें दूध उत्पादन, कोऑपरेटिव में दूध की खरीद और मिल्क प्रोडक्ट निर्यात बढ़ाने की योजना है। आप इसमें मौका देखते हैं?

मौका तो मिलना चाहिए। डेयरी इंडस्ट्री में दूध संग्रह और ट्रांसपोर्टेशन से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक कई तरह के काम होते हैं। उनमें अनेक छोटे बिजनेस शामिल होंगे। इसे कुटीर उद्योग के तौर पर देख सकते हैं। मेरे ख्याल से वहां फाइनेंसिंग के मौके बनेंगे।

-इस साल रेवेन्यू ग्रोथ का क्या अनुमान है?

यह एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) के हिसाब से ही होगा। एयूएम में हमने 15% वृद्धि का लक्ष्य रखा है। पहली तिमाही में 20% ग्रोथ हुई है। हमारे रेवेन्यू में भी लगभग 19% की वृद्धि हुई है।

-आप 2012 में कंपनी के एमडी और अक्टूबर 2019 में वाइस चेयरमैन बनाए गए। आपकी लीडरशिप में कपनी का एयूएम 5.8 गुना बढ़ा है। इसके लिए आपने क्या स्ट्रैटजी अपनाई?

श्रीराम फाइनेंस में हम हमेशा टीम बिल्डिंग पर ज्यादा फोकस करते हैं। इससे व्यक्तिगत प्रोग्रेस भी अच्छी होती है। इसके अलावा हर स्तर पर हमारे पास अच्छे लीडर्स हैं। हर इलाके में और अलग-अलग स्पेशलाइजेशन के विशेषज्ञ हमारे पास हैं। टीम बिल्डिंग और लीडरशिप डेवलपमेंट के कारण ही यह संभव हो सका है। कस्टमर सर्विस पर भी हम काफी ध्यान देते हैं। अभी कंपनी का एयूएम 2.33 लाख करोड़ रुपये, 3095 शाखाएं और 87.14 लाख ग्राहक हैं।