महिला सशक्तीकरण पर फोकस बढ़ने के नतीजे सकारात्मक, लेकिन उन्हें बराबरी पर लाने के लिए ढांचागत बदलाव करने पड़ेंगे
बीते कुछ दशकों में महिला सशक्तीकरण पर फोकस बढ़ा है। इसका नतीजा हम शिक्षा का स्तर बढ़ने लेबर फोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने और देश की जनसंख्या वृद्धि दर कम होने के रूप में देख सकते हैं। इस सुधार के बावजूद यूएनडीपी के जेंडर इन-इक्वलिटी इंडेक्स में भारत 108वें पायदान पर है। आधी आबादी होने पर भी देश की इकोनॉमी में उनका योगदान सिर्फ 18% है।
एस.के. सिंह, नई दिल्ली। अठारहवीं लोकसभा के लिए पहले चरण का मतदान हो चुका है। जागरण न्यू मीडिया मतदाताओं को जागरूक करने के लिए ‘मेरा पावर वोट- नॉलेज सीरीज’ लेकर आया है। इसमें हमारे जीवन से जुड़े पांच बुनियादी विषयों इकोनॉमी, सेहत, शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा पर चर्चा की जाएगी। हमने हर सेगमेंट को चार हिस्से में बांटा है- महिला, युवा, शहरी मध्य वर्ग और किसान। इसका मकसद आपको एंपावर करना है ताकि आप मतदान करने में सही फैसला ले सकें। नॉलेज सीरीज में सबसे पहले बात इकोनॉमी और महिलाओं की।