एस.के. सिंह/स्कंद विवेक धर, नई दिल्ली। भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स, खास कर मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग में अच्छी तरक्की हासिल की है। प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) जैसे कदमों से पिछले 10 वर्षों में भारत में मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग 20 गुना से अधिक बढ़ी है। भारत में बिकने वाले 97% फोन देश में ही बनते हैं, जबकि एक-चौथाई से ज्यादा फोन का निर्यात होता है। दो सौ से ज्यादा कंपनियों के साथ भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है। इसके बावजूद अभी तक यहां इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट ईकोसिस्टम नहीं बन पाया है। ईकोसिस्टम विकसित करने के मकसद से बजट में सब-असेंबली और कंपोनेंट के लिए 35 से 40 हजार करोड़ रुपये की अलग पीएलआई स्कीम घोषित की जा सकती है।

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