नई दिल्ली, अनुराग मिश्र।

केंद्रीय बजट 2024 में शिक्षा को महत्व दिया गया है। इस बजट में पहली बार ईएलआई यानी इंसेटिव लिंक्ड स्कीम को भी शुरू किया गया है। इसका सीधा मकसद युवाओं के रोजगार को बढ़ावा देना है। प्रत्यक्ष तौर पर ईएलआई के साथ ईपीएफओ में अंशदान का भी प्रावधान किया है। अप्रत्यक्ष तौर पर स्टॉर्टअप के लिए एजेंल टैक्स को हटाना, एमएसएमई के लिए मुद्रा लोन बढ़ाना, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को बढ़ावा देने से भी रोजगार बढ़ेंगे। इसके अलावा पांच वर्ष की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल युक्त बनाया जाएगा और 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का एक ही केंद्र में उन्नयन किया जाएगा। घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बजट में वर्तमान और भविष्य का संतुलन रखा गया है। बीते एक दशक में इस सेक्टर में जारी जोर को यथावत रखा गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया कि इस बजट का सीधा ध्यान "रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्यम वर्ग" पर होगा। अपने बजट भाषण की शुरुआत में, सीतारमण ने घोषणा की कि शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए आवंटन 1.48 लाख करोड़ रुपये था। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री की योजना के एक अंग के तौर पर रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन के लिए तीन योजनाओं को कार्यान्वित करेगी। ये ईपीएफओ में नामांकन और पहली बार रोजगार प्राप्त कर्मचारियों की पहचान पर ध्यान और कर्मचारियों एवं नियोक्ताओं की सहायता पर आधारित होंगी।

सरकार उद्योग और क्रेचों के सहयोग से कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों के गठन के माध्यम से कार्यस्थल पर महिलाओं की अधिक भागेदारी की भी सुविधा प्रदान करेगी।

कौशल से जुड़े कार्यक्रमों का संदर्भ देते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकारों और उद्योगों के सहयोग से कौशल विकास के लिए प्रधानमंत्री की योजना के अंतर्गत चौथी योजना के तौर पर एक नई केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत पांच वर्ष की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल युक्त बनाया जाएगा और 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का एक ही केंद्र में उन्नयन किया जाएगा। इसके साथ-साथ इनके परिणामों के आधार पर अन्य व्यवस्थाओं में भी वृद्धि की जाएगी। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि सरकार से प्रोत्साहित कोष के माध्यम से 7.5 लाख तक की गारंटी के साथ ऋण की सुविधा के साथ मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन किया जाएगा और इससे प्रति वर्ष 25,000 छात्रों को सहायता मिलने की आशा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं और नीतियों के अंतर्गत किसी भी लाभ के पात्र नहीं होने वाले युवाओं की सहायता के लिए घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए प्रति वर्ष 1 लाख विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से ऋण राशि के 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज छूट के लिए ई-वाउचर दिए जाएंगे।

थेल्स इंडिया के वीपी और कंट्री डायरेक्टर आशीष सर्राफ कहते हैं कि हम सरकार द्वारा स्कलिंग, शोध और इनोवेशन के लिए किए गए बजट की प्रशंसा करते हैं। बजट में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के माध्यम से अगले पांच वर्षों में 20 लाख युवाओं को कुशल बनाने की प्रतिबद्धता है। कौशल ऋण का प्रावधान एक मजबूत और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल तैयार करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। ये उपाय युवाओं के लिए आवश्यक कौशल हासिल करने के रास्ते तैयार करेंगे, रोजगार क्षमता को बढ़ाएंगे। रोजगार से जुड़ी कौशल योजनाएं, 500 शीर्ष कंपनियों में छात्रों को इंटर्नशिप के अवसर और साथ ही महिलाओं की भूमिकाओं को आगे बढ़ाने के लिए ₹3 लाख करोड़ से अधिक का आवंटन सराहनीय कदम है।

बजट का एक अन्य प्रमुख पहलू पावरिंग इनोवेशन, आर एंड डी अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान कोष की स्थापना है। इससे निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगा जिससे देश में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का विकास होगा। हम इन दूरदर्शी कदमों की सराहना करते हैं।

महाराजा अग्रसेन बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर डा. संजीव मारवाह कहते हैं कि यह बजट भविष्योन्मुखी है। वित्त मंत्री ने डिजिटलीकरण, गहन तकनीक और उद्यमिता पर पिछले दशक के जोर को जारी रखा है। वैश्विक कंपनियों की चुनौतियों का समाधान भी इस बजट में प्रस्तुत किया गया है। शीर्ष 500 कंपनियों में भारतीय छात्रों के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम, सीएसआर फंड के लिए कर इनपुट प्रदान करना और इंडस्ट्री-एकेडिमक्स भागीदारी एक स्वागत योग्य कदम है। एंजेल टैक्स को हटाना से वैश्विक पूंजी को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। शिक्षा के लिए ब्याज छूट योजना और पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पीएफ योगदान से रोजगार पर जोर स्पष्ट है। इससे युवाओं को फायदा होगा। महिला छात्रावासों का विस्तार करके कार्यस्थल में समानता को बढ़ावा देना भी सही दिशा में एक कदम है।

राऊ आईएएस स्टडी सर्कल के सीईओ अभिषेक गुप्ता कहते हैं कि आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24, जो कल प्रस्तुत किया गया था, ने यह उजागर किया कि भारत को उच्च शिक्षा और कौशल पर ध्यान केंद्रित करके औद्योगिक क्रांति 4.0 के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। आर्थिक सर्वेक्षण में प्रतिवर्ष 78.5 लाख नौकरियां सृजित करने की विचारधारा के अनुरूप, बजट ने सराहनीय कार्य किया है। शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए बजट आवंटन में 30% की वृद्धि की गई है, जिससे यह राशि 1.48 लाख करोड़ रुपये हो गई है। उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (GER) जो वर्तमान में 28% है, उसे बढ़ाने के लिए शिक्षा ऋण के लिए ई-वाउचर पेश किए गए हैं। गुप्ता कहते हैं कि केवल 4.4% युवा (15-29 आयु वर्ग) ने औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। तदनुसार, बजट ने युवाओं के कौशल सेट में सुधार के लिए संशोधित मॉडल कौशल ऋण योजना पेश की है।

ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, कृष्णानगर, पश्चिम बंगाल के प्राचार्य डा. सुदीप्तो भट्टाचार्य का कहना है कि

"केंद्रीय बजट 2024 में शिक्षा और कौशल विकास के लिए महत्वपूर्ण आवंटन है। शिक्षा क्षेत्र में 1.48 लाख करोड़ रुपये का निवेश हमारे देश के भविष्य को संवारने की सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। बढ़ा हुआ बजटीय आवंटन छात्रों को अपने मनपसंद करियर को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाएगा। मेरा मानना ​​है कि यह बजट देश भर के स्कूलों और संस्थानों में नई शैक्षिक पहलों, उन्नत कार्यक्रमों और बेहद आवश्यक संसाधनों के विकास के माध्यम से लाखों छात्रों को सशक्त बनाएगा।

स्कूली शिक्षा में ज्यादा की मांग

आरटीई फोरम के राष्ट्रीय संयोजक गौतम बंदोपध्याय का कहना है कि मौजूदा बजट स्कूली शिक्षा क्षेत्र की अनदेखी करता है। इस साल का बजट कुछ भी खास नहीं लेकर आया है। भारत के 18 वर्ष से कम आयु के 431 मिलियन नागरिकों की शिक्षा पर न तो ध्यान केंद्रित किया गया और न ही नए पैसे दिए गए। स्कूल शिक्षा विभाग के बजट में 68804.85 करोड़ रुपये से 73008.10 करोड़ रुपये की मामूली वृद्धि अपर्याप्त है।

महिलाओं के लिए हॉस्टल का प्रस्ताव

अभिषेक गुप्ता कहते हैं कि महिला श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) जो लगभग 37% है, को बढ़ाने के लिए कार्यशील महिलाओं के लिए हॉस्टल स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है, जबकि पुरुष LFPR 78% है। रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए बजट ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तर्ज पर रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना पेश की है।

शारदा विश्वविद्यालय के शारदा स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज के प्रोफेसर और चेयरपर्सन प्लेसमेंट डॉ. हरि शंकर श्याम कहते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में महिला भागीदारी को बढ़ाने वाला बजट है। बजट में महिलाओं को कौशल प्रदान करने के लिए छात्रावास स्थापित करने का प्रस्ताव है। शिक्षा के लिए बजट में बढ़ोतरी की गई है जो हमारे लिए जरूरी है लेकिन बढ़ोतरी पर्याप्त नहीं है। यह बजट निश्चित रूप से युवाओं के बीच रोजगार बढ़ाएगा क्योंकि हमारे वित्त मंत्री ने पहली बार नौकरी करने वालों के लिए बहुत अच्छे प्रोत्साहन की घोषणा की है। विनिर्माण उद्योगों के बीच रोजगार सृजन के लिए बहुत उत्साहजनक समर्थन है और नियोक्ताओं के लिए एक बड़ा समर्थन है।

पीएचएफ लीजिंग लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शल्य गुप्ता ने कहा, ‘‘यह बजट रोजगार सृजन पर केंद्रित है। हम पहली बार नौकरी करने वालों/प्रशिक्षुओं/युवाओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने वाले कदमों का स्वागत करते हैं। रोजगार से जुड़े प्रोत्साहनों के लिए ‘पीएम पैकेज’ देश के युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र को प्रोत्साहित करने का एक बेहतरीन तरीका है…

विकसित भारत की दिशा में एक कदम

अभिषेक गुप्ता कहते हैं कि कुल मिलाकर, बजट घोषणाएं यह सुनिश्चित करने की दिशा में सही कदम हैं कि मानव पूंजी निर्माण 2047 तक विकसित भारत का दोनों साधन और उद्देश्य बना रहे। शिक्षा बजट 2024 बढ़ी हुई फंडिंग, डिजिटल लर्निंग, शिक्षक विकास, उच्च शिक्षा सुधार, बुनियादी ढांचे में सुधार, व्यावसायिक प्रशिक्षण और समावेशी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करके शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन पहलों का लक्ष्य भारत में अधिक न्यायसंगत, सुलभ और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली बनाना है।

समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय

संतृप्तता दृष्टिकोण पर अपने विचार रखते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा, प्रधानमंत्री स्वनिधि, राष्ट्रीय आजीविका मिशन और स्टैंडप इंडिया जैसी योजनाओं के माध्यम से शिल्पियों, कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों एवं रेहड़ी पटरी वालों के लिए आर्थिक गतिविधियों में सहायता देने वाली इन योजनाओं के कार्यान्वयन पर जोर देने के साथ-साथ इनमें और गति लाई जाएगी।