सॉफ्टवेयर में किए गए बदलाव से सफल लैंडिंग की थी गारंटी : आकाश सिन्हा
चंद्रयान-3 के रोवर का नाम प्रज्ञान रखा गया है। रोवर को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि रोवर को अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके चांद की सतह पर कई चीजों की जानकारी इकट्ठा करनी है। प्रज्ञान के सॉफ्टवेयर को बनाने वाले ओमिनीप्रेजेंट रोबोट टेक के सीईओ आकाश सिन्हा से जागरण प्राइम ने बात की। पेश हैं बातचीत के कुछ अंश
नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। इसरो के चंद्रयान मिशन ने नया इतिहास रच दिया है। भारत ने चांद पर सफल लैंडिंग कर ली है। अब तक अमेरिका, चीन और रूस ने ही चांद पर सफल लैंडिंग की थी। हालांकि, इनमें से किसी देश ने अब तक दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं की है। यह इलाका बेहद ठंडा है और रात के समय यहां तापमान बहुत ज्यादा गिर जाता है। लैंडर विक्रम के अंदर ही प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) को रखा गया है, जो लैंडर के चंद्रमा के सतह पर लैंड होने के करीब 15 से 30 मिनट के बाद उसके अंदर से निकलेगा और चंद्रमा की सतह पर कई वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा।