आसान हो सकते हैं एमएसएमई को कर्ज और एनपीए के नियम, भुगतान के नियम में भी बदलाव संभव
देश में रोजगार देने में एमएसएमई की अहम भूमिका है। कृषि के बाद सबसे अधिक लोग इसी सेक्टर में काम करते हैं। इसलिए 23 जुलाई को पेश होने जा रहे मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट में एमएसएमई के लिए कुछ घोषणाएं संभव हैं। छोटे-मझोले उपक्रमों को कम ब्याज पर वर्किंग कैपिटल कर्ज क्रेडिट गारंटी रिफाइनेंस जैसी सहूलियतें दी या बढ़ाई जा सकती हैं।
एस.के. सिंह/स्कंद विवेक धर, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी। वित्त वर्ष 2024-25 के इस पूर्ण बजट में रोजगार बढ़ाने के उपायों पर जोर दिए जाने की संभावना है। देश में रोजगार देने में लघु, छोटे और मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) की अहम भूमिका है। कृषि के बाद सबसे अधिक लोग इसी सेक्टर में काम करते हैं। इसलिए बजट में एमएसएमई के लिए कुछ घोषणाएं संभव हैं। छोटे-मझोले उपक्रमों को कम ब्याज पर वर्किंग कैपिटल कर्ज, क्रेडिट गारंटी, रिफाइनेंस जैसी सहूलियतें दी या बढ़ाई जा सकती हैं। एमएसएमई भारत की जीडीपी में 30% और मैन्युफैक्चरिंग में 45% योगदान करते हैं।