प्राइम टीम, नई दिल्ली। बीते कुछ समय में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में लोगों की बचत का अनुपात कम हुआ है और कर्ज का बढ़ा है। यही नहीं, कर्ज बढ़ने की सालाना दर बचत बढ़ने की दर की तुलना में लगभग तीन गुना रही है। इसका एक प्रमुख कारण तो यह है कि लोगों ने रियल एस्टेट जैसे फिजिकल एसेट में ज्यादा पैसे लगाए हैं। वैसे, 2023-24 में यह ट्रेंड बदलने का अनुमान है। यानी बचत दर बढ़ेगी और कर्ज वृद्धि की दर कम होगी।

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