तीन साल में लोगों के कर्ज में 30% की दर से वृद्धि, ऑटो लोन और क्रेडिट कार्ड का हिस्सा बढ़ा
महामारी से पहले लोगों की (हाउसहोल्ड) बचत का औसत जीडीपी का 20.1% था। महामारी के ठीक बाद के साल में लॉकडाउन की वजह से खर्च कम होने के कारण यह बढ़कर 22.7% हो गया। लेकिन उसके बाद जब बाजार खुले तो लोगों का खर्च भी बढ़ा और बचत दर 2022-23 में जीडीपी का 18.4% रह गई। कुल घरेलू (डोमेस्टिक) बचत में हाउसहोल्ड बचत 60% है।
Sunil Kumar Singh Wed, 22 May 2024 07:16 PM (IST)
प्राइम टीम, नई दिल्ली। बीते कुछ समय में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में लोगों की बचत का अनुपात कम हुआ है और कर्ज का बढ़ा है। यही नहीं, कर्ज बढ़ने की सालाना दर बचत बढ़ने की दर की तुलना में लगभग तीन गुना रही है। इसका एक प्रमुख कारण तो यह है कि लोगों ने रियल एस्टेट जैसे फिजिकल एसेट में ज्यादा पैसे लगाए हैं। वैसे, 2023-24 में यह ट्रेंड बदलने का अनुमान है। यानी बचत दर बढ़ेगी और कर्ज वृद्धि की दर कम होगी।
प्राइम के लेख सीमित समय के लिए ही फ्री हैं। इस लेख को पढ़ने के लिए लॉगइन करें।
रुकावट मुक्त अनुभव
बुकमार्क
लाइक