संदीप राजवाड़े, दिल्ली।

बीमारी होने का डर और उससे बचने के उपाय को लेकर क्या सिर्फ हम या आप ही सतर्क रहते हैं, क्या मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टरों को इसकी चिंता नहीं रहती है? ऐसा नहीं है, डॉक्टर भी अपनी सेहत और खानपान को लेकर उतने ही चिंतित रहते हैं, जितना हम। या कहें तो हमसे ज्यादा उन्हें अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होता है। रोजाना 12-14 घंटे की ड्यूटी, मरीजों के बीच रहने, जटिल सर्जरी व ऑपरेशन के साथ अपने आप को शारीरिक के साथ मानसिक रूप से फिट रखने के लिए वे भी अनिवार्य रूप से अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज, योग, वॉक, दौड़, खानपान को शामिल करते हैं। नेशनल डॉक्टर्स डे पर जागरण प्राइम ने अलग-अलग फील्ड के आधा दर्जन से अधिक डॉक्टरों से बात की और जाना कि आखिर वे कैसे अपने आपको फिट रखते हैं। उनकी लाइफ का फिटनेस मंत्र क्या है। वर्तमान समय व आने वाले दिनों में कौन सी बड़ी बीमारी है, जिससे लोगों को बचने की सलाह देना चाहते हैं, इससे खुद को कैसे बचाते हैं। इसे लेकर चार एम्स के डायरेक्टर- विशेषज्ञों, दिल्ली, गुरुग्राम, भोपाल, रायपुर, पटना के डॉक्टरों से बात की गई। उन्होंने बताया कि कम उम्र में हार्ट, कैंसर से जुड़ी बीमारियों की बढ़ती समस्या से बचने का उपाय अपनी दिनचर्या में अनिवार्य रूप से आधे-एक घंटे की कसरत, संतुलित खानपान को शामिल करना है। इससे कई बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।

नियमित एक्सरसाइज, खानपान पर नियंत्रण के साथ परिवार के साथ समय बिताना

(डॉ. जयेश लेले, पूर्व वाइस प्रेसिडेंट, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन)

सेल्फ फिटनेस मंत्र- विशेषज्ञ डॉक्टर के तौर पर दिनभर व्यस्त रहने के साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी की जिम्मेदारी भी निभानी होती है। अपने आप को शारीरिक रूप से फिट रखने के लिए आत्म अनुशासन होना जरूरी है। शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होने पर ही हम सही तरीके से मरीजों का इलाज कर पाएंगे। इसके लिए मैं नियमित फिटनेस ट्रेनिंग के साथ खानपान पर नियंत्रण रखता हूं। रोजाना दिनचर्या में पैदल चलना, योग, कसरत, प्रोटीन युक्त खानपान के साथ 7-8 घंटे की नींद लेता हूं। मानसिक शांति के लिए अपने पंसदीदा काम के साथ परिवार के साथ समय बिताता हूं।

एक्सपर्ट एडवाइजर- आज सबसे बड़ी समस्या गैर संचारी रोग (एनसीडी) जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलते हैं, जैसे कि कैंसर, हार्ट से जुड़ी बीमारी, डायबिटीज, क्रोनिक किडनी रोग, सांस संबंधित रोग, ब्रेन स्ट्रोक के साथ अन्य बड़ी बीमारियां हैं, जो हमारी बिगड़ती लाइफ स्टाइल के कारण हो व बढ़ रही हैं। अधिकतर बड़ी बीमारियां हमारी दिनचर्या व खानपान के कारण ही हैं, इससे बचा जा सकता है। दवा व इलाज से पहले इन बीमारियों को होने से रोकना आपके ही हाथ में ही है। इनसे बचने के लिए अपनी डेली रुटीन में 30-40 मिनट का नियमित व्यायाम जरूर शामिल करें। साल में एक बार अनिवार्य रूप से बॉडी टेस्ट व स्क्रीनिंग कराएं। तंबाकू व स्मोकिंग से बचें।

फिजिकल के साथ मेंटल हेल्थ को फिट रखना होगा, नियमित चेकअप

(डॉ. अजय सिंह, कार्यपालक निदेशक, एम्स भोपाल)

सेल्फ फिटनेस मंत्र- डॉक्टरी के व्यस्त पेशे में अपने आप को शारीरिक व मानसिक दोनों रूप से फिट रखना जरूरी है। मैं अपनी डेली रुटीन की शुरूआत सुबह 5.25 बजे करता हूं। एक घंटे एक्सरसाइज के बाद सुबह प्रोटीन युक्त नाश्ता। बिना चीनी वाली चाय और शाम सात बजे तक डिनर करना शामिल है। रात को जल्दी सोने के साथ 7-8 घंटे की नींद पूरी करना। अपनी फिटनेस के लिए संतुलित आहार के साथ लाल मांस, तले-भुने खाद्य पदार्थों से परहेज के साथ नियमित हेल्थ चेकअप कराता हूं। व्यायाम- योग से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।

एक्सपर्ट एडवाइज- आज कल कम उम्र के लोगों में भी बड़ी बीमारी का होना चिंता का विषय है। हार्ट और कैंसर से जुड़ी बीमारियों के साथ डायबिटीज के मामले भी युवाओं में देखे जा रहे हैं। इसके लिए सबसे बड़ा फैक्टर लाइफ स्टाइल है। अनियमित जीवनशैली के साथ बिगड़े खानपान के कारण कई बड़ी बीमारियां हो रही हैं। इससे लिए लाइफ स्टाइल को सुधारना होगा। इसमें सुधार करने से ही कैंसर व हार्ट जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।

मानसिक रोग से युवाओं को बचाने के लिए हो प्रयास, पॉलिसी बने

(डॉ. गोपाल कृष्ण पाल, कार्यकारी निदेशक, एम्स पटना और एम्स गोरखपुर)

सेल्फ फिटनेस मंत्र- डॉक्टर होने के नाते हमें शरीर विज्ञान और संरचना को लेकर जानकारी है कि कैसे यह काम करता है और इसमें सुधार किया जा सकता है। मैं नियमित रूप से योग प्राणायाम करता हूं। अपने खानपान और नींद नियंत्रण को लेकर मैं बेहद सतर्क रहता हूं। जरूरत के हिसाब से नींद और व्यायाम- योग से अपने आपको शारीरिक व मानसिक तौर पर फिट रखने की कोशिश करता हूं।

एक्सपर्ट एडवाइज- आज भारत समेत दुनियाभर में डायबिटीज, हाइपरटेंशन और हार्ट से जुड़ी बीमारियों के अलावा मेंटल हेल्थ एक बड़ी समस्या के रूप में बढ़ता जा रहा है। इसके ज्यादातर शिकार अब युवा हो रहे हैं। इससे बचाने के लिए युवाओं को मेंटल हेल्थ सर्वे, स्क्रीनिंग ऑफ पापुलेशन एट रिस्क, मन व शारीरिक रेस्ट के लिए ऐसी एजुकेशन पॉलिसी, स्कूल-कॉलेजों में सामाजिक व मनोरोग विशेषज्ञों की नियुक्ति, स्कूलों में शिक्षक व मेंटर्स द्वारा काउंसिलिंग जैसी सुविधा बढ़ाने से स्ट्रेस से जुड़ी बीमारियों को कम किया जा सकता है। मेंटल हेल्थ की समस्या को कम करने के लिए पाठ्यक्रम में खेल और योग को शामिल करना और उसका नियमित रूप से अभ्यास जरूरी है।

हमारे लिए फिटनेस सबसे बड़ा चैलेंज, 7-8 घंटे की नींद बहुत जरूरी

(डॉ. मनवीर भाटिया, सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट एंड स्लीप स्पेशलिस्ट, दिल्ली)

सेल्फ फिटनेस मंत्र- डॉक्टर होने के नाते हमें अपना ख्याल और ज्यादा रखना होता है, क्योंकि अगर हम ही फिट नहीं रहेंगे तो पेशेंट का सही इलाज कैसे करेंगे। बिजी रूटीन में यह हमारे से लिए ज्यादा चैलेंजिंग हैं। मैं अपने आप को फिट रखने के लिए रोजाना 45-50 मिनट का वॉक करती हूं। अगर यह एक समय पर नहीं हो पाया तो दिन में इसे दो टाइम में बांट लेती हूं। हफ्ते में तीन दिन योग। 7-8 घंटे की पूरी नींद लेती हूं। मन की शांति और सुकून के लिए कुछ समय प्रेयर करती हूं। इसके अलावा जो पसंदीदा काम है, दोस्तों के साथ बातें करना, वह भी करती हूं। इससे मन को बहुत शांति मिलती है।

एक्सपर्ट एडवाइज- डॉ. भाटिया के अनुसार आजकल हार्ट अटैक के मामले ज्यादा आ रहे हैं। इसे कॉर्डियो वैस्कुलर डिसीजेस कहते हैं, इससे खून की नसों में क्लॉट बनता है। इससे हार्ट अटैक और ब्रेन स्टोक हो सकता है। खासकर युवाओं में शारीरिक बीमारी के अलावा मानसिक परेशानी, हेल्थ को काफी बिगाड़ रहा है। इसके पीछे बड़ा कारण हमारी गलत लाइफ स्टाइल जिसमें नींद, खानपान शामिल है। इससे बचने के लिए एक्टिव रहना चाहिए। स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन न करें या बहुत कम करें, शुगर-ब्लड कंट्रोल रखने के साथ अनिवार्य रूप से आठ घंटे की ठीक तरह से नींद लें और स्ट्रेस फ्री रहें।

मरीजों के इलाज के लिए खुद को पॉजिटिव रखना, नियमित स्क्रीनिंग-टेस्ट

(डॉ. इंदु बंसल, ग्रुप डायरेक्टर एंड हेड रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, पारस हॉस्पिटल गुरुग्राम)

सेल्फ फिटनेस मंत्र- एक ऑन्कोलॉजिस्ट होने के कारण अपने आप को पॉजिटिव और मानसिक तौर पर शांत रखना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। यह हमारे मरीजों के लिए बहुत जरूरी है, जिससे मैं उन्हें अच्छे इलाज के साथ आशावादी समाधान दे पाऊं। हफ्ते में छह दिन और तकरीबन रोज 12 घंटे काम करने के लिए हमें उचित दिनचर्या का पालन करना होता है। अपने आप को फिट रखने के लिए मैं 5 दिन योग, शारीरिक फिटनेस के लिए कसरत, इसमें दौड़ना और आधे घंटे रोज पैदल चलना शामिल है। ढेर सारा पानी पीना, अपने खानपान में फल व सब्जियों की मात्रा बढ़ाना और जितना हो सके वसायुक्त व जंकफूड से बचती हूं। इसके अलावा नियमित तौर पर अपना ब्लड टेस्ट व स्क्रीनिंग कराती हूं। मानसिक शांति के लिए ब्लॉग और कविता लिखना, पेंटिंग करना, खाना बनाना, प्रेरणादायक किताबें पढ़ना और दोस्तों के साथ बाहर जाना मेरी लाइफ रूटीन में शामिल है।

एक्सपर्ट एडवाइज- आज लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली बीमारियां हैं मानसिक तनाव से जुड़ी समस्याएं, डिजिटल लत और हार्ट व कैंसर से जुड़ी बीमारी। सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग, अनुचित उम्मीदें रखने, रातोंरात सफल होने और दिखावा करने के लिए किसी भी माध्यम से बहुत सारा पैसा कमाने की सोच कई मानसिक बीमारियों को जन्म दे रही है। झूठे सोशल मीडिया दोस्तों से घिरे रहने के कारण लोग सच्चे दोस्तों से अलग हो रहे हैं। यह सभी आयुवर्ग में देखा जा रहा है। इसके अलावा कैंसर व हार्ट से जुड़ी बीमारियों के लिए तंबाकू, स्मोकिंग, शराब का सेवन, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ,व्यायाम की कमी, मोटापा न केवल सांस, हृदय, गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल समस्याओं का मूल कारण है। तनाव के कारण अचानक हार्ट अटैक और यातायात दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। आज युवा और बुजुर्ग कैंसर से प्रभावित हो रहे हैं। अपनी लाइफ स्टाइल सुधारने के साथ कैंसर की शीघ्र पहचान, रोकथाम और समय पर इलाज से इससे बचा जा सकता है।

प्रोटीन युक्त नाश्ता, कार्बोहाइट्रेड डाइट से दूर, नो स्मोकिंग बचाएगा हार्ट अटैक से

(डॉ. स्मिथ श्रीवास्तव, सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट एंड एचओडी, एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट रायपुर)

सेल्फ फिटनेस मंत्र- कार्डियोलॉजिस्ट होने के कारण 24 घंटे के दौरान कभी भी केस के सिलसिले में अस्पताल जाना पड़ जाता है। एक से एक जटिल और गंभीर केस सामने आते हैं। ऐसे में अपने आप को भी फिजिकल के साथ मेंटल रूप से फिट रखने की चुनौती होती है। मैं रोज सुबह 5.30 बजे उठता हूं। सुबह सत्तू पीकर जिम जाना और वहां कार्डियो, वेट ट्रेनिंग व योग से जुड़े कसरत करता हूं। 8.30 बजे प्रोटीन युक्त नाश्ता लेता हूं। इसके बाद खाने में नियमित रूप से अंकुरित अनाज व फल को शामिल करता हूं। दिन में नारियल का पानी जरूर पीता हूं। इसका ध्यान रखता हूं कि किसी तरह का कार्बोहाइड्रेट डाइट न लूं।

एक्सपर्ट एडवाइज- आज भारत में हर चौथी मौत की वजह हार्ट अटैक है। जो अन्य मौत के कारण कैंसर, सड़क दुर्घटना, डायबिटीज और हाइपरटेंशन से तीन गुना अधिक है। यह बीमारी सिर्फ बड़े उम्र तक ही अब सीमित नहीं है, पिछले कुछ सालों के दौरान युवाओं में भी हार्ट से जुड़ी बीमारी और हार्ट अटैक घटनाएं देखने में आ रही हैं। इससे बचने के लिए तंबाकू सेवन करने से बचना चाहिए। मोटापा इसकी बड़ी वजह है, इसे लेकर लोगों को सचेत रहना चाहिए और वजन कम करने के लिए अपने खानपान में सुधार करें। डेली रुटीन में योग व पैदल चलने को अनिवार्य रूप से शामिल करें। तला हुआ खाना, पैकेटबंद और जंक फूड से बचें, यह हार्ट के लिए सही नहीं है। खुश व सकारात्मक जीवन जिएं। इसके अलावा हेल्थ चेकअप को लेकर अलर्ट रहें और नियमित रूप से समय-समय पर टेस्ट कराएं। ASCVD रिस्क स्कोर कैलकुलेट करें।

प्रदूषण बढ़ा रहा बीमारी, तेल-घी के साथ पैकेटबंद फूड से रहे दूर

(डॉ. बंदना मिश्रा, पल्मोनोलॉजिस्ट, एचओडी व सीनियर कंसल्टेंट, शाल्बी सनार इंटरेशनल हॉस्पिटल गुरुग्राम)

सेल्फ फिटनेस मंत्र- दिल्ली जैसे बड़े शहरों में सांस व फेफड़े से जुड़ी बीमारी की समस्या बच्चों से लेकर बड़ों तक में देखने को मिल रही है। बढ़ते प्रदूषण व बिगड़ती लाइफ स्टाइल व खानपान के कारण अब कम उम्र में लोगों को बड़ी बीमारियां हो रही हैं। ऐसे में हमें भी अपने आप को फिजिकली फिट रखने के लिए अलर्ट रहना होता है। हफ्ते में पांच दिन मैं नियमित रूप से योग, ध्यान व हल्के एक्सरसाइज करती हूं। इसके अलावा अपने खानपान को लेकर मैं ध्यान रखती हूं, अधिक तेल- घी युक्त खाद्य पदार्थ, जंक फूड, पैकेटबंद खाने के आइटम से परहेज करती हूं। अपने खानपान में संतुलित आहार ही शामिल करती हूं।

एक्सपर्ट एडवाइज- आज कम उम्र में हो रही बड़ी बीमारियों की वजह अनियमित जीवनशैली है। स्मोकिंग व प्रदूषण के कारण सांस व फेफड़े से जुड़ी बीमारियां अब युवाओं में बढ़ने लगी हैं। इसे अगर ठीक कर लिया जाए तो कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। इन बीमारियों का बड़ा कारण स्मोकिंग, वेपिंग, फास्ट व जंक फूड का खानपान, तनाव व अवसाद में वृद्धि है। यह समस्या युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रही है। इससे बचने के लिए स्मोकिंग- शराब छोड़ने के साथ खानपान में संतुलित आहार को शामिल करें। तेल-घी वाले खानपान के साथ पैकेटबंद व फास्ट फूड से दूर रहें। अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से आधे-एक घंटे का व्यायाम व योग को शामिल करें।

रोज 10 हजार स्टेप, प्लास्टिक बोतल पानी नो यूज, मोटापा कम करें

(डॉ. सुदीप भट्टाचार्य, असिस्टेंट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट कम्युनिटी एंड फैमिली मेडिसिन, एम्स देवघर)

सेल्फ फिटनेस मंत्र- डॉक्टर के तौर पर हमें और ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत होती है। यह जरूर है कि हम उतना नहीं रख पाते हैं। फिजिकल फिटनेस के साथ तनाव भी दुनियाभर के डॉक्टर्स के लिए बड़ी समस्या है। अपने आप को फिट रखने के लिए जहां तक हो सकता है रोजाना 10 हजार स्टेप वॉक करता हूं और आठ घंटे की नींद पूरी करने की कोशिश करता हूं। इसके साथ अपने बिहेवियर फैक्टर व एनवॉयरमेंट फैक्टर से जुड़ी समस्या को दूर करता हूं। इसमें अपनी रूटीन व खानपान शामिल है। घी व तेल युक्त पदार्थ खाने से बचता हूं। बोतलबंद पेय पदार्थ का सेवन नहीं करता हूं। पानी भी स्टील या मेटल की बोतल में पीता हूं। प्लास्टिक बोतल से कैंसर व हार्ट संबंधित बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है।

एक्सपर्ट एडवाइज- इनदिनों सबसे बड़ी समस्या खासकर युवाओं में देखने में आ रही है, वह है हार्ट अटैक। इसका बड़ा कारण हमारी बिगड़ी लाइफ स्टाइल व खानपान है। रिसर्च में सामने आ चुका है कि इसका वैक्सीन से कोई लेना-देना नहीं है। इसके लिए तीन फैक्टर्स हैं, जेनेटिक फैक्टर, बिहेवियर फैक्टर और एनवॉयरमेंट फैक्टर। इन तीनों फैक्टर्स में जेनेटिक फैक्टर को तो आप चेंज नहीं कर सकते हैं, हार्ट के लिए जो जीन है, वह भारतीयों में कमजोर हैं। हम बाकी फैक्टर्स को चेंज कर सकते हैं. हम अपने खराब बिहेवियर को ठीक कर सकते हैं.. अपनी लाइफस्टाइल को सही कर सकते हैं। इससे हार्ट अटैक की आशंका को कम किया जा सकता है। स्मोकिंग बहुत बड़ा फैक्टर है हार्ट अटैक का, इससे बचें। लाइपो प्रोटीन ए, जो एक तरह का फैट है, यह अधिक मात्रा में तेल, घी खाने के अलावा एल्कोहल सेवन से हार्ट अटैक की आशंका होती है। इससे धमनी में प्लेक बनता है, वह प्लेक खून के प्रवाह को ब्लॉक करते हैं, इससे हार्ट अटैक होता है। इस पर कंट्रोल करें। मोटापा बड़ा कारण है और शुगर के अधिक सेवन से भी बचना चाहिए।