सेमीकंडक्टर जैसे आधुनिक क्षेत्र के साथ अधिक रोजगार वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस से होगा समावेशी विकास
आत्मनिर्भरता के लिए मैन्युफैक्चरिंग जरूरी है। जब दुनिया जलवायु संकट से निपटने में लगी है तो आत्मनिर्भरता भी आधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित होनी चाहिए। हाल के समय में अनेक देशों ने आत्मनिर्भरता और संरक्षणवाद की नीति अपनाई है। लेकिन भारत के संदर्भ में यह आजादी के बाद की संरक्षणवादी नीति से अलग होनी चाहिए। इस आत्मनिर्भरता का मतलब वसुधैव कुटुम्बकम होना चाहिए।
एस.के. सिंह, नई दिल्ली। शुरुआत एक उदाहरण से। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में मैटेरियल का उचित प्रयोग करने, बिल्डिंग में बेहतर प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन में किया जाने लगा है। इससे संसाधनों की बचत तो हो ही रही है, कचरा भी कम निकलता है। बिल्डिंग की एनर्जी एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए जेनरेटिव एआई की मदद से डिजाइन तैयार किए जा रहे हैं। सुरक्षित और सस्टेनेबल इमारत बनाने में एआई टूल्स की मदद से 3डी मॉडलिंग पर भी काम हो रहा है।