Battery Arms Race: ग्लोबल सप्लाई चेन में चीन की 80% हिस्सेदारी, भारत तथा विकसित देशों की निर्भरता कम करने की रणनीति
उत्सर्जन कम करने की बाध्यता के कारण सभी देशों को बैटरी की अहमियत समझ में आने लगी है इसलिए बैटरी बनाने में इस्तेमाल होने वाले खनिजों की सप्लाई चेन पर नियंत्रण की कोशिशें तेज हो गई हैं। चीन पर निर्भरता कम करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में 2022 में मिनरल सिक्युरिटी पार्टनरशिप बना था जिसका भारत भी हिस्सा है।
एस.के. सिंह, नई दिल्ली। खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) ने हाल ही अर्जेंटीना में लिथियम खनन का समझौता किया है। लिथियम खनन के लिए किसी भारतीय कंपनी का यह पहला विदेशी समझौता है। फिलहाल भारत लगभग 70% लिथियम आयात चीन से करता है और ग्लोबल सप्लाई में चीन की हिस्सेदारी 80% है। लिथियम ही नहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर खनिजों के मामले में यही स्थिति है। इसमें अमेरिका और यूरोप के विकसित देश भी बहुत पीछे हैं। उत्सर्जन कम करने की बाध्यता के कारण सभी देशों को इनकी अहमियत समझ में आने लगी है, इसलिए इन खनिजों की सप्लाई चेन पर नियंत्रण की कोशिशें तेज हो गई हैं। चीन पर निर्भरता कम करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में 2022 में मिनरल सिक्युरिटी पार्टनरशिप बना था, जिसका भारत भी हिस्सा है।